
देश में महंगाई बढ़ रही हो या पेट्रोल की कीमतें, लेकिन कुछ फैमिली बिज़नेस ऐसे हैं जिनकी दौलत देखकर लगता है – “GDP? वो तो हमारे जेब में पड़ी है।”
अंबानी परिवार: 28.2 लाख करोड़ की ‘छोटी सी’ दौलत
GDP का 1/12 हिस्सा अब घर में रखा है, शायद ड्रॉअर में।
मुकेश अंबानी ने फिर दिखा दिया कि इंडिया की इकोनॉमी और रिलायंस – दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। 10% की ग्रोथ के साथ ₹28.2 लाख करोड़ की संपत्ति… मतलब, अगर इतने पैसे में चॉकलेट खरीदो तो पूरी दुनिया को Dairy Milk खिलाई जा सकती है।
और ये सब कुछ सिर्फ बिज़नेस से नहीं, जियो के रिचार्ज और शादी में वायरल वीडियो से भी आता है!
बिड़ला परिवार: सीमेंट से किले बनाते हुए ₹6.5 लाख करोड़ तक पहुंचे
“जहां घर बनाए बिड़ला, वहां वैल्यू अपने आप बनती है!”
कुमार मंगलम बिड़ला अब दूसरे नंबर पर हैं। सीमेंट से लेकर टेलीकॉम तक, हर जगह हाथ आज़माया। पिछले साल से ₹1.1 लाख करोड़ की बढ़त, जैसे LIC की पॉलिसी मैच्योर हो गई हो।
मज़े की बात ये कि सीमेंट जितना मजबूत इनकी ग्रोथ भी है — टुकुर-टुकुर देखने वालों को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा।
जिंदल परिवार: स्टील की तरह फौलादी ₹5.7 लाख करोड़
“JSW: सिर्फ स्टील नहीं, स्टेटस भी है!”
सज्जन जिंदल के नेतृत्व में जिंदल परिवार तीसरे नंबर पर है। ₹1 लाख करोड़ का उछाल है — यानी रोज़ाना लगभग ₹274 करोड़ की कमाई। और हम सोच रहे थे की UPI से कैशबैक मिल गया तो दिन बन गया।
शायद इनके लिए “लोहा लो” का मतलब ही literal है।
बजाज परिवार: “हमारा बजाज” थोड़ा ब्रेक पर
21% की गिरावट, लेकिन स्कूटर अब भी स्टार्ट है।
5.64 लाख करोड़ के साथ चौथे नंबर पर, लेकिन डाउन साइड पर। शायद स्कूटर को थोड़ी सर्विसिंग की जरूरत है। “हमारा बजाज” अब थोड़ा “थमा सा बजाज” हो गया है।
फिर भी इनसे कोई sympathy नहीं मिलती — क्योंकि जितना गिरा है, उतना हमारा 10 जनरेशन मिलके नहीं कमा पाएंगे।
महिंद्रा परिवार: ट्रैक्टर हो या टेक्नोलॉजी – सब फुल स्पीड!
58% की रफ्तार से दौड़ता परिवार – XUV के भी आगे।
5.43 लाख करोड़ की संपत्ति और हर साल ग्रोथ ऐसी कि XUV 700 भी शर्मा जाए। Tech, Auto, Finance – सब कुछ खुद चलाते हैं, और कोई क्लच भी नहीं जलता।
अब ये देखना है कि अगला लॉंच ट्रैक्टर है या कोई नया मून मिशन।
नाडर परिवार: सॉफ्टवेयर से अमीरी का कोड लिखा
“HCL = High Class Lifestyle”
शिव नाडर के परिवार की वेल्थ ₹4.68 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। Tech सेक्टर में ऐसा दबदबा कि लगता है Keyboard से पैसे छाप रहे हैं।
बाकी लोग CTRL+S दबाते हैं, ये लोग CTRL+Crores दबा रहे हैं।
मुरुगप्पा परिवार: साउथ की सादगी, दौलत में बादशाही
₹2.92 लाख करोड़ और फिर भी चाय वही फिल्टर कॉफी वाली।
Cholamandalam Group के इस परिवार ने साउथ से आकर पूरे देश में फाइनेंस का जादू बिखेर दिया है। इतने शांति से पैसे कमाते हैं कि पता ही नहीं चलता – और फिर अचानक टॉप 10 में दिख जाते हैं।
इनके बैंक स्टेटमेंट को देखकर RBI भी इंस्पायर हो जाए।
अज़ीम प्रेमजी परिवार: Low Profile, High Profit
“Wipro में काम कम और वैल्यू ज़्यादा दिखती है।”
₹2.78 लाख करोड़ की संपत्ति, और अब भी दिखते हैं जैसे किसी NGO में वॉलंटियर हों। प्रेमजी जी का स्टाइल – बोलना कम, कमाना ज़्यादा।
इन्होंने साबित किया कि सादगी में भी करोड़ों छिपे होते हैं… बस बैंक स्टेटमेंट में।
अनिल अग्रवाल परिवार: Zinc से ज़िन्दगी चमकी
₹2.6 लाख करोड़ की एंट्री और अब सबकी नज़रों में चमक।
Vedanta और Hindustan Zinc के मालिक पहली बार टॉप-10 में आए। सोना-चांदी तो सबको पता है, लेकिन इन्होंने दिखाया कि Zinc भी “precious” हो सकता है।
अब बच्चा बोलेगा – “Mummy, मुझे Z से ZINC चाहिए – ZOOP नहीं!”
Asian Paints परिवार: दीवारें रंगीं और दौलत भी
₹2.2 लाख करोड़ की वेल्थ और पेंट के साथ-साथ प्रॉफिट की भी मोटी लेयर।
दानी, चोकसी और वकील फैमिली ने दिखा दिया कि रंगों का धंधा भी करोड़ों का हो सकता है। शायद इसलिए अब हर बिल्डिंग में Asian Paints की मुस्कुराती दीवारें दिखती हैं।
“हर रंग कुछ कहता है – और कुछ कमाता भी है!”
कुल संपत्ति ₹134 लाख करोड़ – यानी GDP का ग्लोबल मज़ाक
Turkey और Finland की मिलाकर जितनी GDP नहीं, उतना भारत के टॉप 300 फैमिली बिज़नेस कमाते हैं।
हर दिन औसतन ₹7,100 करोड़ की वेल्थ क्रिएट होती है – और हम रोज़ नाश्ते में समोसे के भाव देखकर दुखी होते हैं।
ये लोग दौलत बना रहे हैं, हम सैलरी स्लिप पढ़कर प्रार्थना कर रहे हैं!
इन फैमिली बिज़नेस की दौलत देखकर लग रहा है कि इंडिया सच में अमृतकाल में है – बस अमृत कुछ फैमिलियों के लिए एक्सक्लूसिव है।