
राज्यसभा की खाली हुई एक सीट के लिए AAP ने उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को मैदान में उतार दिया है। ट्राइडेंट ग्रुप के मानद अध्यक्ष और सरकार के पूर्व नीति सलाहकार गुप्ता ने हाल ही में सभी सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया, और अब सीधे दिल्ली दरबार की तरफ बढ़ चले हैं — इस बार सांसद की टोपी पहनने के लिए।
दिल्ली की हार से AAP ने सीखा: इस बार टिकाऊ इन्वेस्टमेंट चाहिए!
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वह राज्यसभा में किसी ऐसे व्यक्ति को भेजना चाहती है, जो “सिर्फ डिबेट न करे, फंड्स भी जुटाए”। यानी अब सेल्स टारगेट और सियासी टारगेट में ज्यादा फर्क नहीं बचा।
यह भी बताया गया कि कमल ओसवाल को भी यह ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने शायद सोचा कि IPO ही बेहतर है, MP नहीं।
“अब तिरंगे के साथ बैलेंस शीट भी लहराई जाएगी?”
ये AAP की ‘कॉरपोरेट रिक्रूटमेंट ड्राइव’ है। कभी खिलाड़ी, कभी एक्टर और अब उद्योगपति — क्या आम आदमी पार्टी अब “ऑल प्रोफेशनल पार्टी” बनना चाहती है?
केजरीवाल राज्यसभा जाएंगे? अफवाहों पर स्टॉक मार्केट जैसा उछाल!
लुधियाना वेस्ट से विधायक बने संजीव अरोड़ा की सीट खाली होते ही कुछ लोगों ने भविष्यवाणी कर दी कि “अब केजरीवाल राज्यसभा में जाएंगे!” हालांकि बाद में उन्होंने खुद ही इस अफवाह को ‘वोटर-स्पैम’ बता दिया।
पंजाब से AAP का सियासी कैलकुलेशन
राज्यसभा में पहले से ही AAP के 6 सदस्य हैं — जिनमें राघव चड्ढा और हरभजन सिंह जैसे चर्चित नाम शामिल हैं। सातवीं सीट के लिए पार्टी की रणनीति साफ है: “बिज़नेस का एक्सपर्ट, पॉलिटिक्स में स्मार्ट!”
AAP के पास पंजाब विधानसभा में 93 सीटें हैं, यानी जीत लगभग तय है। अब देखना ये है कि क्या ये ‘कॉरपोरेट प्लेयर’ संसद में ‘नफा-नुकसान’ की बहस में भी उतने ही एक्सपर्ट निकलते हैं?

आने वाले दिनों में राज्यसभा में बिल पास करने से पहले बजट, ब्रेक-ईवन और P&L स्टेटमेंट देखना जरूरी हो सकता है। देश के सांसद अब पॉलिसी नहीं, ROI के आधार पर बहस करेंगे!
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नामांकन की शुरुआत: 6 अक्टूबर
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अंतिम तिथि: 13 अक्टूबर
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वोटिंग और गिनती: 24 अक्टूबर
राजिंदर गुप्ता की एंट्री से यह साफ है कि अब “आम आदमी” की पार्टी में कुछ खास लोग भी जगह बना सकते हैं, खासकर अगर उनके पास शानदार सीवी और कॉर्पोरेट नेटवर्क हो। राजनीति अब वाकई प्रोफेशनल हो चली है — टाई, सूट और लोजिक बोर्ड के साथ।
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