
बिहार में अब चुनाव सिर पर ना — SIR पर चढ़ल बा! तेजस्वी यादव कहत बाड़ें कि ई “विशेष गहन पुनरीक्षण” दरअसल एक ‘विशेष गड़बड़ योजना’ बा। एक फिसद मतदाता भी कट गइल तs तीन दर्जन सीटिया निकल जाई हाथ से। और जनता बोले: “बाप रे बाप! ई त वोट कटवा सुनामी हउए!”
चक्कर मतदाता के, सिरदर्द तेजस्वी के
अब देखीं न, वोटर लिस्ट में कुल 7 करोड़ 90 लाख लोग हैं। अगर मात्र 1% भी कट गइले, त 7.9 लाख वोट सीधे उड़न छू। तेजस्वी यादव के हिसाब से—
“ई त हर विधानसभा क्षेत्र में 3251 वोटिया कटै वाला मामला बा। और 2020 में कई सीटिया त 12 वोट से भी जीतल गइल!”
मतलब अब ई चुनाव में वोट से जादे डाउट के असर! राजनीति में नया नारा बन सकत बा: “एक वोट, सौ हंगामा!”
BLO पर भरोसा नाही, फॉर्म पर फसा गइल सियासत
तेजस्वी बोलले कि कुछ मतदाता के फॉर्म त भराइल बा, लेकिन उ लोग खुद जानत नाही!
“हमार फॉर्मो त जमा नाही भइल, 80% कइसे भर गइल?”
अब BLO भ confused, मतदाता भ confused और तेजस्वी भ furious! मतलब अब हर मोहल्ला में पूछताछ हो रहल बा:
“बाबूजी, आपन नाम रह गइल कि उड़ा दिहल गइल?”
सीमांचल में ‘सीमा पार’ के डर
तेजस्वी के असली टेंशन सीमांचल और मिथिलांचल के वोट बा—जहाँ यादव-मुस्लिम समीकरण के सीधा असर बा। अब चर्चा ई बा कि “भारत के नागरिक ना रहे वाला लोग” वोटर लिस्ट में दिख रहल बा, और उ लोग के हटावल जा रहल बा।
तेजस्वी बोले:
“ई सब बूथवार 10 से 50 वोट काटे के टार्गेट नाही त का बा?”
मतलब—BJP+EC=VoteKatwa Gang Theory?
पंचायतिया डर और जीत के मार्जिन
2020 में बिहार के कई सीटिया 1000 वोट से कम के अंतर पर निकली। हिलसा सीट पर जेडीयू जीतल 12 वोट से। डेहरी 464 वोट, कुढ़नी 712 और बखरी 777 वोट से। अब तेजस्वी कहत बाड़ें—“3251 वोट अगर फिस्स से उड़े, त ई त चुनाव का एग्जिट पोल ना, डायरेक्ट पॉलिटिकल रोल हो जाई!”
तेजस्वी का सवाल
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“प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री—तीनों जिम्मेदार बानी!”
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“हमार वोट गिनले बिना नतीजा निकली का?”
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“बूथ के नाम बदनाम कइले बानी का?”
अब ई बयान के बाद अगला डायलॉग ट्विटर पर ट्रेंडिंग बा:
“जवन बूथ बोले, उहें जीत के बोले!”
चुनाव से पहिले चुनाव आयोग के परीक्षा!
बिहार चुनाव अब EVM से नाही, SIR से लड़ा जाई।
तेजस्वी यादव के वोट कटा वाले अंदाज में सियासत गरम बा और हर ब्लॉक, पंचायत, मोहल्ला में एगो सवाल गूंज रहल बा:
“नाम कटल हs का? अगर हs, त फॉर्म कहाँ भरलs?”