
गुजरात के वडोदरा जिले में 9 जुलाई 2025 को महिसागर नदी पर बना 43 साल पुराना गंभीरा पुल अचानक ढह गया। हादसे के वक्त पुल पर कई वाहन गुजर रहे थे, जिनमें से 3 गाड़ियां सीधा नदी में जा गिरीं।
15 की मौत
ताज़ा जानकारी के अनुसार, 15 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। NDRF की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं और मृतकों की संख्या में और बढ़ोतरी की आशंका है। पुल की ताज़ा तस्वीरों में पुलिस और बचाव दल पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहे हैं।
वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया खुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया।
कब बना था और क्यों टूटा?
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यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था।
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करीब 43 साल पुराना पुल था।
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इसे 100 से ज्यादा गांवों का लाइफलाइन माना जाता था।
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कई रिपोर्ट्स में पहले ही कहा गया था कि पुल को मरम्मत की सख्त जरूरत थी, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिया गया।
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लाखों लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है क्योंकि दो बड़े जिलों का संपर्क टूट गया है।
प्रभाव और चिंताएं
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रोजाना यात्रा करने वाले लोगों को अब लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
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आर्थिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ा है।
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स्थानीय लोगों में ग़ुस्सा और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
कार्रवाई
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एनडीआरएफ, SDRF, लोकल पुलिस घटनास्थल पर तैनात हैं।
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एक-एक शव को बाहर निकालने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
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पानी का बहाव तेज़ होने के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें भी आ रही हैं।
गंभीरा पुल हादसा सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की असफलता नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का सबूत है। जब तक बुनियादी ढांचे की मरम्मत और देखरेख को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, ऐसे हादसे रुकेंगे नहीं।