ओवैसी बोले– “या साथ, या अकेLE चुनाव!”- अब AIMIM का धमाका

आलोक सिंह
आलोक सिंह

असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने बिहार के महागठबंधन को साफ संदेश दे दिया—या तय करेंगे सीटें, या पार्टी खुद ही सीमांचल और उससे बाहर 50 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। RJD व कांग्रेस की तरफ से कोई ऑफर नहीं मिल रहा, लेकिन ओवैसी मानते हैं कि यह गठबंधन धोखाधड़ी नहीं करेगा।

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सीटों पर बातचीत: चल रही या नहीं?

पार्टी कह रही है कि अख्तरुल ईमान ने RJD/Congress के कुछ नेताओं से बातें की हैं। लेकिन तेजस्वी यादव ने इंटरव्यू में साफ कहा—”अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई”। ओवैसी ने इसका जिम्मा गठबंधन पर दागते हुए कहा—”अगर हमे नहीं चाहते, तो हमें बाहर देखिए”।

सीमांचल से 50 सीटों की चुनौती

2020 में AIMIM ने 20 सीटों पर लड़ा था और 5 जीती थीं—लेकिन अब लक्ष्य है नब्बे का आंकड़ा पार करके 50 सीटें। सीमांचल में मुस्लिम बहुल इलाकों—जैसे अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज—पहले ही AIMIM के गढ़ हैं। यहां से होने वाली जीत गठबंधन के लिए सिरदर्द बन सकती है।

वोटर लिस्ट में धांधली? ओवैसी बोले “जाँच तो हो!”

ओवैसी ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि एक महीने में विशेष संशोधन बहुत मुश्किल है, खासकर सीमांचल जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में। उन्होंने कहा—”BLO को बहुत अधिकार दे दिए गए हैं, जो नौकरी और मताधिकार छीन सकता है।”

सच की पोल

ओवैसी ने RJD–कांग्रेस गठबंधन से पूछा– “या तो साथ चलो, नहीं तो टांग खींचने का सवाल खुद सोच लेना!”

तेजस्वी का जवाब: “कहां अभी तक हाथ मिला? शायद AIMIM रिंग लाने भूल गए!”

और मतदाता सूची संशोधन? ओवैसी बोले—“BLO अधिकार इतने बढ़ गए कि घर में आपके पानी की टंकी का भी रिकॉर्ड बन जाएगा!”

बिहार की राजनीति में AIMIM का मंच अब सिर्फ सीमांचल तक सीमित नहीं रह गया—यह 50 सीटों की चुनौती और महागठबंधन के लिए रणनीतिक पहेली बनता जा रहा है। अब देखना ये है कि गठबंधन सीटों का काम किस तरह सुलझाता है—या फिर ओवैसी अकेले ही बिहार की राजनीति में तूफ़ान ला देंगे

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