क्या ‘बंकर बस्टर’ GBU-57 ने बदल दी परमाणु जंग की तस्वीर?

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन, ट्रेड एनालिस्ट

ईरान पर अमेरिका के हालिया हमले में एक हथियार ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं — GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP)। इसे आमतौर पर ‘बंकर बस्टर’ के नाम से जाना जाता है। इसकी भयावह ताकत और गहराई में छिपे लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता इसे पारंपरिक बमों से अलग बनाती है।

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भारी वजन और ताकतवर विस्फोटक क्षमता

GBU-57 का वजन करीब 13,600 किलोग्राम (लगभग 30,000 पाउंड) होता है, जो इसे विश्व के सबसे भारी गैर-परमाणु बमों में से एक बनाता है। यह बम करीब 6 मीटर लंबा होता है, और इसमें 5,300 पाउंड विस्फोटक भरे होते हैं। इसका मकसद जमीन के अंदर बने मजबूत बंकरों और सुरंगों को ध्वस्त करना है, जिनमें परमाणु या सैन्य गतिविधियाँ हो सकती हैं।

निर्माण और लॉन्च प्लेटफॉर्म

इस हथियार का निर्माण अमेरिकी कंपनी Boeing ने किया है। इसे विशेष रूप से अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स से गिराने के लिए तैयार किया गया है। ये विमान अमेरिकी वायुसेना के व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस (मिसौरी) से उड़ान भरते हैं और दुश्मन के रडार से बचते हुए अपने मिशन को अंजाम देते हैं।

अत्याधुनिक गाइडेंस सिस्टम

GBU-57 में लगा सैटेलाइट-निर्देशित टारगेटिंग सिस्टम इसे उच्चतम सटीकता के साथ लक्ष्य पर पहुंचाता है। यह बम आमतौर पर 50,000 फीट (लगभग 15,000 मीटर) की ऊंचाई से गिराया जाता है। इतनी ऊंचाई से गिराए जाने पर इसकी गति और वजन मिलकर जबर्दस्त काइनेटिक एनर्जी पैदा करते हैं, जिससे यह जमीन में गहराई तक घुसने में सक्षम होता है।

ज़मीन के भीतर 61 मीटर तक घुसपैठ

यह बम दुश्मन के बंकरों या गुफाओं को सतह पर नहीं, बल्कि अंदर जाकर नष्ट करता है। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, GBU-57 सतह से 61 मीटर (200 फीट) नीचे तक घुसने में सक्षम है, जो कि आमतौर पर किसी भी भूमिगत सैन्य संरचना की पहुंच से बाहर मानी जाती है।

B-2 बॉम्बर्स: गुआम से शुरू हुआ मिशन

इस हमले से पहले खबरें आई थीं कि अमेरिका ने अपने B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स को गुआम द्वीप पर तैनात किया है। रणनीतिक रूप से यह एक संकेत था कि अमेरिका संभावित गहरे और संरक्षित लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। यही विमान अब ईरान के ठिकानों पर हमले में प्रयोग किए गए।

हमला दो चरणों में होता है

GBU-57 को उपयोग करने की प्रक्रिया भी युद्धनीति में खास होती है:

  1. पहला बम गिराया जाता है जिससे बंकर में एक प्रवेश मार्ग बनाया जाए। यह मुख्य रूप से कठोर सतह को तोड़ने का कार्य करता है।

  2. इसके बाद गिराया जाता है दूसरा या एक के बाद एक कई बम, जो उसी रास्ते से होकर अंदर तक घुसते हैं और फिर सटीक रूप से विस्फोट करते हैं।

  3. इस प्रक्रिया में सभी बम एक ही लक्ष्य बिंदु पर केंद्रित होते हैं, जिससे उनका संयुक्त प्रभाव अधिक गहराई तक फैलता है और पूरा स्ट्रक्चर ध्वस्त हो जाता है

फ़ोर्दो जैसे पहाड़ी परमाणु केंद्रों के लिए आदर्श हथियार

ईरान का फ़ोर्दो परमाणु ठिकाना, जो एक पहाड़ के भीतर स्थित है, GBU-57 जैसे हथियारों की क्षमता को परखने वाला आदर्श लक्ष्य माना जाता है। पारंपरिक बम इस तरह के ठिकानों तक नहीं पहुंच सकते, लेकिन MOP बम इन भूमिगत केंद्रों को सीधे अंदर से तबाह कर सकता है

परमाणु बंकरों के लिए ‘परम विनाशक’

GBU-57 सिर्फ एक बम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी है — यह दिखाता है कि अमेरिका दुनिया के किसी भी कोने में, जमीन के कितने भी भीतर छिपे लक्ष्य को नष्ट करने की ताकत रखता है। इस बम का इस्तेमाल पहले कभी युद्ध में नहीं हुआ था, और अगर इसकी पुष्टि होती है, तो यह इतिहास में पहली बार होगा जब ‘बंकर बस्टर’ को वास्तविक युद्ध में उतारा गया है।

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