
बिहार में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति में जुट गई है। मंगलवार को पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने ऐलान किया कि 15 मई से राज्यभर में ‘न्याय संवाद अभियान’ शुरू किया जाएगा।
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‘न्याय संवाद’ से मिलेगी युवाओं की आवाज़ को दिशा
कन्हैया कुमार ने बताया कि यह संवाद अभियान शिक्षा, रोजगार, सामाजिक भागीदारी और दलित-वंचित वर्गों की समस्याओं पर आधारित होगा। इस अभियान के दौरान विभिन्न ज़िलों में जनसुनवाई के ज़रिए “न्याय पत्र” तैयार किया जाएगा, जो भविष्य की सरकारों के लिए नीति दस्तावेज बनेगा।
“ई कोरा राजनीति ना ह, ई आवाज़ बा ऊ लोगन के जे अब तक अनसुना रह गइलन,” – कन्हैया कुमार
15 मई को राहुल गांधी बिहार में करेंगे शंखनाद
कन्हैया ने बताया कि राहुल गांधी भी 15 मई को दरभंगा आएंगे और छात्रों से सीधा संवाद करेंगे। उसी समय पूरे बिहार के 60 स्थानों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता छात्र-छात्राओं के साथ संवाद करेंगे।
जहां छात्रावास हैं वहां जाकर –
महिला हॉस्टल
ईबीसी हॉस्टल
अल्पसंख्यक हॉस्टल
इन सभी में छात्रों से सीधे मिलकर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति समझी जाएगी।
“जहां हॉस्टल नइखे, ओहिजा टाउन हॉल में होई जनसंवाद,” – कन्हैया कुमार
“राजनीति ना, समाज से न्याय के बात बा”
कन्हैया ने जोर देकर कहा कि यह कोई पारंपरिक चुनावी कार्यक्रम नहीं, बल्कि “आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति” तक न्याय पहुँचाने का प्रयास है।
“जनसंवाद के बिना लोकतंत्र अधूरा बा,” उन्होंने कहा। कांग्रेस का यह अभियान किसी राजनीतिक फायदे से ज्यादा सामाजिक ज़िम्मेदारी का हिस्सा है।
कांग्रेस की नई राह – दलित बस्तियों से लेकर छात्र हॉस्टल तक
नए प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में कांग्रेस पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान, और नई ऊर्जा को मौका दे रही है। अब पार्टी दलित बस्तियों और युवाओं के बीच जाकर संवाद शुरू कर चुकी है।
बिहार में हवा बदले के संकेत, कांग्रेस अब गांव-टोला में झांके के मूड में बा।
‘न्याय संवाद’ अभियान न सिर्फ कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक टर्निंग पॉइंट, बल्कि बिहार की सामाजिक राजनीति में एक नया अध्याय साबित हो सकता है। 15 मई से शुरू हो रहा यह संवाद अभियान तय करेगा कि कांग्रेस जनता की ज़मीन पर कितनी मज़बूती से टिक पाती है।

