
राजधानी भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर सोमवार को हुआ एक भयानक सड़क हादसा अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुका है। तेज रफ्तार स्कूल बस के ब्रेक फेल होने से इंटर्न डॉक्टर आयशा खान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 6 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है – आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया है और बस मालिक व चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
CCTV फुटेज में दिखा मौत का मंजर
घटना का सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तेज रफ्तार बस रेड सिग्नल पर खड़े वाहनों से सीधे टकराती है।
आयशा की स्कूटी, जो सबसे आगे खड़ी थी, बस के नीचे आ गई और हादसा इतना भयावह था कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
फिटनेस खत्म, बीमा भी नहीं – फिर कैसे चल रही थी बस?
जांच में जो खुलासा हुआ उसने प्रशासन की पोल खोल दी।
बस का फिटनेस पांच महीने पहले और बीमा पहले ही खत्म हो चुका था।
यानी जो वाहन सड़क पर चलने के काबिल ही नहीं था, वो बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए दौड़ रहा था — और एक ज़िंदगी निगल गया।
कमिश्नर संजीव सिंह ने कहा:
“प्रथम दृष्टया आरटीओ अधिकारी की लापरवाही सामने आई है। उन्हें सस्पेंड कर मुख्यालय भेज दिया गया है।”
ड्राइवर फरार, पुलिस कर रही है तलाश
हादसे के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। बस मालिक पर भी आपराधिक लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
प्रशासन ने घायलों को राहत राशि दी
घायलों को तत्काल राहत के रूप में 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि रेड क्रॉस सोसाइटी से प्रदान की गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि भविष्य में ढलान वाले इलाकों में सुरक्षा उपाय और गति नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।
बस की चूक, सिस्टम की सज़ा?
इस घटना ने एक बार फिर परिवहन व्यवस्था की लापरवाही को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर आयशा की शादी की तैयारियाँ चल रही थीं, वहीं दूसरी ओर एक ब्रेक फेल बस ने पूरे परिवार की दुनिया रोक दी। सवाल वही है – जिम्मेदार कौन?
सिस्टम, जो रजिस्ट्रेशन और फिटनेस के बावजूद बसें चलने देता है?
या हम, जो तब तक आवाज़ नहीं उठाते जब तक हादसा हमारे घर ना आ जाए?
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