
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद जहां डर का माहौल बना है, वहीं कश्मीर का पर्यटन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पर्यटक वापसी की जल्दी में हैं और नई बुकिंग्स पर ब्रेक लग गया है।
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लेकिन इस डर और मायूसी के माहौल में एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आए हैं बॉलीवुड एक्टर अतुल कुलकर्णी, जो हमले के पांच दिन बाद ही कश्मीर की यात्रा पर पहुंचे।
कश्मीर से की लोगों को जोड़ने की अपील
इंस्टाग्राम पर शेयर की गई अपनी तस्वीरों और वीडियो के जरिए अतुल कुलकर्णी ने एक साफ संदेश दिया—“आतंक से मत डरो, कश्मीर जाओ।”
उन्होंने हर पोस्ट में #चलिए_जी_कश्मीर_चले टैग का इस्तेमाल कर एक तरह का अभियान छेड़ दिया।
उनकी एक फ्लाइट फोटो में अधिकतर सीटें खाली थीं। उस पर उन्होंने लिखा:
“ये फ्लाइट्स भर-भर के जा रही थीं। हमें इन्हें फिर से भरना है। आतंक को हराना है।”
झेलम नदी से दिया भरोसे का संदेश
झेलम नदी किनारे खड़े होकर उन्होंने वीडियो पोस्ट किया और लिखा:
“मैं आया हूं, आप भी चलें। आना ज़रूरी है।”
यह केवल यात्रा नहीं, एक भावनात्मक जुड़ाव और आतंक के खिलाफ खड़े होने का तरीका था।
पर्यटन को सपोर्ट, आतंक को जवाब
जहां एक तरफ कश्मीर के स्थानीय लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए पर्यटकों पर निर्भर हैं, वहीं ऐसी घटनाओं से उनका जीवन ठहर जाता है। अतुल कुलकर्णी जैसे कलाकार जब आगे आकर कश्मीर जाने की बात करते हैं, तो वह केवल पर्यटन को ही नहीं, बल्कि वहां की शांति और आत्मविश्वास को भी समर्थन दे रहे होते हैं।
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पहलगाम हमले ने देश को दुखी किया, लेकिन अतुल कुलकर्णी की यह यात्रा एक सकारात्मक संदेश देती है – डर कर भागने से नहीं, प्यार और समर्थन से आतंकवाद को हराया जा सकता है। कश्मीर सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि हमारे देश का अभिन्न हिस्सा है—और वहां जाना एक ज़िम्मेदारी भी है।