Manrega Out, VB-G RAM-G In! अब गांव में 125 दिन काम पक्का

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (VB-G RAM-G) विधेयक 2025 पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही 20 साल पुरानी मनरेगा योजना अब इतिहास बन गई है और उसकी जगह एक नया कानून लागू हो गया है।

सरकार इसे “Developed India 2047” roadmap का अहम pillar बता रही है— यानि गांव अब सिर्फ योजनाओं के पोस्टर नहीं, policy के center stage पर हैं।

100 नहीं, अब 125 दिन काम: Guarantee का Upgrade

VB-G RAM-G Act के तहत अब ग्रामीण परिवारों को 125 दिन वैधानिक रोजगार। यह जिम्मेदारी कानूनी रूप से सरकार की। मजदूर, किसान और गरीब परिवार direct बेनेफिशरीज, सरकार का दावा है कि इससे rural poverty घटेगी और गांवों में economic security मजबूत होगी।

अब गांव में यह सवाल नहीं होगा “काम मिलेगा?” बल्कि “कब से शुरू?”

संसद में रातभर बहस, बाहर विरोध

इस बिल को लेकर संसद में देर रात तक तीखी बहस चली। Opposition का आरोप था कि— “सरकार जानबूझकर Manrega का नाम बदल रही है क्योंकि उसमें महात्मा गांधी का नाम जुड़ा है।”

विपक्ष ने इसे नाम बदलो, विरासत मिटाओ की राजनीति बताया और संसद के बाहर रातभर प्रदर्शन भी किया।

हालांकि सरकार ने पलटवार करते हुए कहा— “नाम नहीं, सिस्टम बदला जा रहा है। Manrega में 100 दिन थे, VB-G RAM-G में 125 दिन हैं।”

आखिरकार बिल ध्वनि मत (Voice Vote) से पास हुआ।

VB-G RAM-G कानून क्यों है खास?

इस नए कानून की खास बातें:

125 दिन रोजगार = ज्यादा income stability
Legal obligation = policy continuity
Focus on livelihood, not just labour
Long-term rural framework for 2047

सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ काम देने की नहीं, बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था खड़ी करने की कोशिश है।

यानि— रोजगार अब राहत नहीं, अधिकार बनेगा।

Rural India के लिए क्या बदलेगा?

VB-G RAM-G लागू होने के बाद Migration कम हो सकता है। Seasonal unemployment घटेगा। Local infrastructure को boost मिलेगा। Villages become growth engines, सरकार इसे welfare से empowerment की shift बता रही है।

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