
अमेरिका की राह पर चलते हुए मैक्सिको ने भी भारत, चीन, साउथ कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया पर टैरिफ का तगड़ा बम फोड़ दिया है।
सीनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है—और 2026 से कई एशियाई देशों से आने वाला सामान 50% तक महंगा हो जाएगा।
लगभग 1400 प्रोडक्ट्स इस लिस्ट में हैं—ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स… मतलब कि जो भी एशिया से आता है, अब पहले से डबल दाम पर आएगा। और सीनेट में तो ऐसा वोट पड़ा कि पूछिए मत— 76 पक्ष में, 5 विपक्ष में। मतलब टैरिफ पास होने की खुशी अमेरिका को हुई… और टेंशन एशिया को!
कौन-कौन देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?
टॉप नुकसान उठाने वाले
- चीन → ऑटो और मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट बड़ा
- भारत → फ़ार्मा, ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल
- साउथ कोरिया → इलेक्ट्रॉनिक्स
- थाईलैंड व इंडोनेशिया → मशीनरी और टेक्सटाइल
जिन देशों के साथ मैक्सिको की ट्रेड डील नहीं है, उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
Mexico ने टैरिफ क्यों लगाया?
सीनेट में जो वजह बताई गई, वो दो लाइन में समझिए—
- Local Industry को Boost देना
- अमेरिका खुश, इकॉनमी खुश
ये फैसला आधा घरेलू उद्योग के लिए है और आधा USA को खुश रखने की पॉलिसी। साथ ही सरकार को उम्मीद है कि इससे करीब 3.76 अरब डॉलर का अतिरिक्त राजस्व आएगा। यानी लोकल इकोनॉमी भी खिलेगी और बजट भी भर जाएगा।
फिर भी व्यापारी बोले— “50%? ये Boost नहीं… Shock है!”

India–Mexico के रिश्ते: मजबूत लेकिन अब टेस्टिंग टाइम
भारत और मैक्सिको के रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं—
- दोनों G20 में हैं
- 2025 में दोनों डायमंड जुबली मना रहे हैं
- मैक्सिको, लैटिन अमेरिका में India का सबसे बड़ा Partners में
- Indian कंपनियां Mexico में IT, Pharma, Auto सेक्टर में एक्टिव
- Mexico भारत से फार्मा, ऑटो पार्ट्स, IT सर्विसेस खरीदता है
- भारत Mexico से तेल, मशीनरी, मोबाइल-डिवाइसेस आयात करता है
लेकिन अब 50% टैरिफ वाली दीवार खड़ी होने वाली है, और रिश्तों को थोड़ा stress test देना तय है।
ग्लोबल ट्रेड अब भावनाओं से नहीं, टैरिफ से चलता है
अमेरिका ने लगाया—मैक्सिको ने फॉलो किया। कल कोई और देश सोचेगा—“चलो हम भी लगा दें, काफी ट्रेंड में है!”
दुनिया का कारोबार अब ये हो गया है— “Friendship later, Tax first.”
दिवाली बनी World Heritage—इंडिया बोला: अब दुनिया भी जलाएगी दीये!
