
ग्रेटर नोएडा में हो रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय बॉक्सर लड़कियों ने ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरे एरिना में बस India…India ही गूंजा। प्रीति पवार (54kg) और नूपुर श्योराण (80+kg) ने अपने-अपने मुकाबले जीतकर भारत के लिए गोल्ड मेडल पक्का कर दिया।
भारतीय फैंस के लिए ये पल किसी Bollywood स्पोर्ट्स क्लाइमैक्स से कम नहीं था—बस बैकग्राउंड में म्यूज़िक नहीं बजा।
प्रीति पवार का दमदार प्रदर्शन—5-0 की एकतरफा ‘धुलाई’
प्रीति पवार ने इटली की सिरिन चराबी के खिलाफ ऐसा प्रेसर बनाया कि जजों ने भी बिना किसी Suspense के 5-0 का क्लीन स्वीप दे दिया।
ये जीत सिर्फ मेडल नहीं, उनकी शानदार इंटरनेशनल Comeback Story भी है।
प्रीति ने कहा, “मैं पहले से ज्यादा मजबूत होकर लौटी हूं। आगे भी अपना बेस्ट दूंगी।” और यह confidence देखकर लगता है—अगले साल के Asian Games और CWG में भी भारत के नाम कई गोल्ड पंच आने वाले हैं।
नूपुर श्योराण का पावर शो—उज़्बेकिस्तान की बॉक्सर को दी मात
नूपुर श्योराण ने उज़्बेकिस्तान की ओल्टिनोय सोतिम्बोएवा को हराते हुए भारत के लिए दिन का दूसरा गोल्ड मेडल पक्का किया। 80+ किलोग्राम वेट क्लास में उनके पंच इतने दमदार थे कि विरोधी खिलाड़ी के लिए बचना भी मुश्किल हो गया।

हरियाणा की बॉक्सिंग फैक्ट्री—एक दिन में तीन गोल्ड!
इस चैंपियनशिप में:
- मीनाक्षी हुड्डा (48kg) – गोल्ड
- प्रीति पवार (54kg) – गोल्ड
- नूपुर श्योराण (80+kg) – गोल्ड
यानी हरियाणा की मिट्टी + बॉक्सिंग ग्लव्स = Gold Making Machine भिवानी वैसे भी “India’s Cuba of Boxing” कहलाता है—और लड़कियों ने फिर साबित कर दिया कि ये टाइटल बेकार नहीं है।
प्रीति पवार की कहानी—भिवानी की ‘फाइटर गर्ल’
- जन्म: 23 अक्टूबर 2003, भिवानी (हरियाणा)
- 14 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू
- कोचिंग: उनके चाचा विनोद, जो खुद राष्ट्रीय स्तर के मेडलिस्ट रहे
- परिवार: पिता हरियाणा पुलिस में अधिकारी
- स्टाइल: तेज, एग्रेसिव और सुपर-डिसिप्लिन्ड
- लक्ष्य: Asian Games + Commonwealth Games
किसी ने सही कहा—“Boxers aren’t born, they’re built… और भिवानी तो खास तौर पर build करता है!”
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