गुजरात ATS ने ‘राइसिन रासायनिक रावण’ का भांडा फोड़ा

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

गुजरात ATS ने हाल ही में एक ऐसी साजिश को नाकाम किया है जो हॉलीवुड मूवी “Mission Impossible: Virus Edition” से कम नहीं लगती। तीन आतंकियों ने राइसिन जहर से बायो-टेरर अटैक की पूरी स्क्रिप्ट लिख रखी थी — पर ATS ने ‘स्क्रिप्ट’ का इंटरवल ही रोक दिया!

आरोपियों में हैदराबाद का डॉक्टर अहमद मोहय्यूद्दीन, यूपी के आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल खान शामिल हैं — यानी “एक डॉक्टर, दो शागिर्द और पाकिस्तान से लाइव ट्यूशन!”

राइसिन: वो जहर जो किसी को भी ‘ऑफलाइन’ कर दे!

ATS की जांच में खुलासा हुआ कि यह गैंग कैस्टर ऑयल के स्लज से राइसिन तैयार कर रहा था — वही तेल जो आमतौर पर बालों में लगता है, पर इन लोगों ने इसे बायोलॉजिकल हथियार में बदलने की कोशिश की! डॉ. मोहय्यूद्दीन पाकिस्तान के ISKP हैंडलर अबू खलीजा से ऑनलाइन चैट में “केमिकल क्लासेज” ले रहा था। यानी वर्चुअल ट्यूशन का अगला लेवल: “केमिस्ट्री फॉर टेररिज़्म”।

ATS की एक्शन मूवी: टोल प्लाज़ा पर गिरफ्तारी

ATS को मुखबिर से टिप मिली कि अहमद मोहय्यूद्दीन अपनी फोर्ड फिगो में घूम रहा है और कुछ गड़बड़ प्लान है। ATS ने अडालज टोल प्लाज़ा पर फिल्मी स्टाइल में गाड़ी को रोका — और अंदर से निकले हथियार, कारतूस, कैस्टर ऑयल की बोतलें और डरावना एजेंडा!
पूछताछ में डॉक्टर साहब ने कबूल किया — “हाँ साहब, हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हैंडलरों से गाइडेंस लेते थे!” मतलब ऑनलाइन कोर्स में सर्टिफिकेट नहीं, केस दर्ज मिला!

दिल्ली से श्रीनगर तक रेकी, सब कुछ प्लान्ड था

ATS को आतंकियों के मोबाइल से जो डेटा मिला, उसमें दिल्ली की आजादपुर मंडी, लखनऊ की फ्रूट मार्केट और अहमदाबाद की नरौडा मार्केट की रेकी की तस्वीरें थीं। हथियार सप्लाई ड्रोन से हुई थी — राजस्थान बॉर्डर के हनुमानगढ़ इलाके में ‘डेड ड्रॉप’ के जरिए।
जितना हाईटेक ये नेटवर्क था, उतनी ही गहरी इसकी साजिश।

डॉक्टर का घर निकला ‘लैब ऑफ टेरर’

ATS जब हैदराबाद पहुंची और डॉक्टर के घर का दरवाजा तोड़ा, तो सामने था — “ब्रेकिंग बैड: इंडियन वर्ज़न”। घर में राइसिन बनाने की मशीनें, कैस्टर सीड्स का स्लज और लैब इक्विपमेंट मिला। अगर यह केमिकल सार्वजनिक जगहों पर छोड़ दिया जाता, तो एक माइक्रोग्राम भी जान लेने के लिए काफी था।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का कनेक्शन, बड़ा नेटवर्क बेनकाब

ATS की जांच में सामने आया कि ये आतंकी “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान के इशारों पर भारत में छोटे-छोटे टेरर सेल बनाने की तैयारी कर रहे थे।
हर सदस्य को अलग-अलग रोल दिया गया था — कोई जहर बनाए, कोई हथियार उठाए, कोई लोकेशन की रेकी करे। पर ATS की पकड़ में आते ही यह पूरा प्लान ध्वस्त हो गया।

UAPA में केस, रिमांड पर आरोपी, जांच जारी

ATS ने 8 नवंबर को अहमद मोहय्यूद्दीन, आजाद शेख और मोहम्मद सुहैल पर UAPA, IPC और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
मुख्य आरोपी को 17 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
अब गुजरात, यूपी, राजस्थान और तेलंगाना की एजेंसियां मिलकर इस ‘केमिकल थ्रिलर’ की पूरी स्क्रिप्ट खोल रही हैं।

देश के लिए सीख: आतंक अब लैब से निकलता है, बॉर्डर से नहीं!

यह केस साबित करता है कि आतंकवाद अब सिर्फ बम या बंदूक से नहीं, बल्कि लैब और इंटरनेट से भी फैल रहा है। ATS ने जो किया, वो सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि “देश को बायो-वॉर से बचाने की कामयाबी” है।

“H-1B वीजा पर ट्रंप का यू-टर्न– Desi Talent के बिना नहीं चलता America!”

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