“मक्का से संदेश – ‘आतंकवाद हराम है!’ एमडब्ल्यूएल ने ब्लास्ट पर तोड़ी चुप्पी

अजमल शाह
अजमल शाह

दिल्ली के लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट ने जहां पूरे देश को हिला दिया, वहीं अब मक्का से भी इस पर कड़ी निंदा का बयान आया है। मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL) — जो दुनिया भर के मुस्लिम देशों की एक बड़ी धार्मिक संस्था है —
ने इस हमले को “जघन्य आतंकवादी कृत्य” बताया है।

शेख़ डॉ. मोहम्मद अल-ईशा बोले — “हिंसा और आतंक हराम है”

एमडब्ल्यूएल के सेक्रेटरी जनरल और चेयरमैन शेख़ डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईशा ने
अपने बयान में कहा — “मुस्लिम वर्ल्ड लीग और इसके अंतर्गत आने वाले सभी मुस्लिम लोग हर तरह की हिंसा और आतंकवाद को अस्वीकार करते हैं और उसकी निंदा करते हैं, चाहे उसका उद्देश्य या कारण कुछ भी हो।”

उन्होंने आगे कहा कि “दुनिया के किसी भी कोने में निर्दोष लोगों का खून बहाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।

पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना

एमडब्ल्यूएल ने हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
संस्था ने कहा कि “इस्लाम अमन, इंसाफ और मानवता का धर्म है, हिंसा का नहीं।”

दिल्ली ब्लास्ट को भारत ने माना आतंकी हमला

सोमवार को दिल्ली के लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास हुंडई i20 कार में धमाका हुआ था, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत
और कई घायल हुए थे। भारत सरकार ने इसे “जघन्य आतंकी हमला” करार देते हुए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में इससे जुड़ा औपचारिक प्रस्ताव पारित किया था।

दुनिया ने कहा – Enough is Enough!

जहां एक ओर भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ सख़्त कदम उठाने का संकेत दिया है, वहीं अब मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसी संस्था का
खुलकर इस हमले की निंदा करना एक डिप्लोमैटिक और धार्मिक दोनों स्तरों पर अहम संदेश है।

कह सकते हैं — “मक्का से भी गूंजा – ‘No to Terrorism!’

धर्म, राजनीति और आतंक — तीनों का कॉम्बो जितना खतरनाक है, उतना ही ज़रूरी है कि दुनिया एकजुट होकर बोले — “आतंक के नाम पर कोई जन्नत नहीं मिलती, बस जहन्नुम बनती है।”

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