खेसारी का सियासी तूफान: “मोदी जी, बिहार के लिए विज़न कहाँ है?”

Ajay Gupta
Ajay Gupta

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और अब ‘पॉलिटिकल न्यू एंट्री’ खेसारी लाल यादव ने बिहार की सियासत में ऐसा बयान दे मारा कि पटना से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई। 
मीडिया से बात करते हुए खेसारी बोले — “हम 2 करोड़ नहीं तो 50 लाख रोजगार देंगे, कम से कम हम रोजगार की बात तो कर रहे हैं!”

उनका ये बयान सुनते ही एनडीए के नेताओं के चेहरे वैसे ही उतर गए जैसे बिजली विभाग की फाइल देखकर आम आदमी का मूड।

एनडीए पर वार: “वादा करना भी छोड़ दिया आपने!”

खेसारी लाल यादव ने सीधे एनडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा — “अब इन्हें बस ‘जंगलराज’ और धर्म की बातें करनी आती हैं। बिहार के युवा भावनात्मक नहीं, आर्थिक समाधान चाहते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्ता में रहकर भी रोजगार न दे सकें, तो पोस्टर से चेहरे हटा दीजिए, युवाओं का गुस्सा सब समझ जाएगा।

मोदी से सवाल: “गुजरात को स्वर्ग बना दिया, बिहार को उसका आधा भी बना दो!”

खेसारी लाल ने भावुक होते हुए कहा — “मैं आज भी मोदी जी की इज्जत करता हूं, वो गलत नहीं, लेकिन सवाल है कि उनका विज़न बिहार तक क्यों नहीं पहुंचा?”

फिर उन्होंने बड़ा सवाल दागा — “जब 15 साल से केंद्र में और 20 साल से बिहार में एनडीए है, तो बिहार के नौजवान ट्रेन पकड़ते क्यों हैं, फैक्ट्री क्यों नहीं पकड़ते?

‘जंगलराज’ पर पलटवार: “20 साल से सत्ता में रहकर भी बदलाव कहाँ है?”

खेसारी ने तंज भरे लहजे में कहा — “आप खुद कहते हैं कि बिहार में जंगलराज है। तो फिर 20 साल से जंगल में ही क्यों घूम रहे हैं?”

उन्होंने अपने छपरा क्षेत्र के लोगों को भरोसा दिलाया कि वे सिर्फ गाना नहीं गाएंगे, बल्कि स्कूल, अस्पताल और रोजगार के मुद्दों पर “स्टेज से स्टैंड” लेंगे।

‘नचनिया’ विवाद पर शालीन जवाब: “मेहनत करने वाला कभी छोटा नहीं होता”

जब उनसे पूछा गया कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उन्हें “नचनिया” कहा, तो खेसारी मुस्कराए और बोले — “मैंने मनोज तिवारी जी और बीजेपी दोनों के लिए प्रचार किया है। राजनीति पाँच साल की होती है, पर रिश्ते उम्रभर चलते हैं। मेहनत करने वाला कभी छोटा नहीं होता।”

उनका ये जवाब सियासत की भीड़ में इंसानियत की आवाज़ बन गया।

 “बिहार की सियासत अब सिर्फ मुद्दों पर होगी!”

खेसारी लाल यादव ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ़ कर दिया कि “बिहार की राजनीति में अब मनोरंजन नहीं, परिवर्तन का मंच तैयार हो चुका है।”

उनकी बातों में एक कलाकार की सादगी और एक नेता का आत्मविश्वास दोनों झलकते हैं — और शायद यही बात उन्हें बाकी सब से अलग बनाती है।

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