
बिहार की सियासत में अब छठ का भी पॉलिटिकल स्वाद जुड़ गया है! मुज़फ़्फ़रपुर में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर सीधा प्रहार करते हुए कहा –“दो युवाओं की जोड़ी, जो खुद को युवराज समझती है, उन्होंने झूठे वादों की दुकान खोली है! एक देश के सबसे भ्रष्ट परिवार से, दूसरा बिहार के सबसे भ्रष्ट परिवार से। दोनों करोड़ों के घोटालों में ज़मानत पर हैं।”
भीड़ में “जय मोदी!” के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने मुस्कुराकर कहा — “ये दोनों मिलकर बिहार का भविष्य तय करना चाहते हैं?
पहले अपने केस तो तय करा लो बेटा!”
“NDA की लहर, RJD का सर्फ खत्म” – मोदी का दावा
मोदी ने कहा कि “पूरा बिहार एनडीए के साथ है, ये हवा नहीं, लहर है।”
उनका अंदाज़ पुराने स्टाइल वाला क्लासिक मोदी-मोड था — व्यंग्य भी, विश्वास भी, और थोड़ी चुनावी तुकबंदी भी।
उन्होंने तंज कसा — “बिहार में कुछ लोग फिर से धोखे की राजनीति लाना चाहते हैं। लेकिन जनता सब समझती है — एक बार झांसे में आई थी, अब नहीं आएगी।”
छठी मैया भी पॉलिटिक्स में शामिल!
मोदी ने विपक्ष पर बड़ा आरोप लगाया कि RJD–Congress छठ पर्व का अपमान कर रही है।
“क्या कोई वोट मांगने के लिए छठी मैया का अपमान कर सकता है? उनके लिए तो पूजा नौटंकी है!”
राहुल–तेजस्वी पर तंज – “जमानत पर जोड़ी प्राइवेट लिमिटेड”
मोदी ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों ही भ्रष्टाचार के मामलों में ज़मानत पर हैं।
“दोनों ने झूठे वादों की दुकान खोली है, लेकिन जनता अब कस्टमर नहीं रही!”
राजनीति में ‘छठ’ की सेंटीमेंट मार्केटिंग
बिहार में छठ सिर्फ त्योहार नहीं, भावना + पहचान + वोटबैंक है। बीजेपी इसे “भक्ति और संस्कृति” से जोड़ रही है, जबकि विपक्ष का कहना है —
“छठ को चुनावी भाषण का हिस्सा बनाना, आस्था नहीं राजनीति है।”
मतलब, अब छठी मैया भी ट्रेंडिंग हैं — और वो भी बिना इंस्टाग्राम अकाउंट के!

