“पाक कनेक्शन का पासपोर्ट गेम!” — दिल्ली में बड़ा जासूसी नेटवर्क बेनकाब

शकील सैफी
शकील सैफी

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 59 वर्षीय मोहम्मद आदिल हुसैन को गिरफ्तार किया है।
ये कोई फिल्मी प्लॉट नहीं, बल्कि रियल-लाइफ “स्पाय थ्रिलर” है — जिसमें फर्जी पासपोर्ट, विदेशी वैज्ञानिक और पाक लिंक सब कुछ है!

पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी विदेश में रह रहे एक परमाणु वैज्ञानिक से संपर्क में था और संवेदनशील जानकारियां लीक कर रहा था।
इतना ही नहीं, झारखंड के जमशेदपुर से एक फर्जी पासपोर्ट रैकेट भी चलाया जा रहा था — और आदिल उसी का “फ्रंटमैन” निकला।

आदिल हुसैन उर्फ नसीमुद्दीन उर्फ सैयद: कई नाम, एक पहचान — जासूस

स्पेशल सेल के एसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, आरोपी के पास से तीन पासपोर्ट मिले — एक असली और दो नकली, जैसे Netflix का कोई मल्टी-आइडेंटिटी थ्रिलर चल रहा हो। आदिल खुद को कभी सैयद आदिल हुसैनी, तो कभी नसीमुद्दीन बताता था।
सीमापुरी इलाके से पकड़ा गया यह शख्स अब पुलिस कस्टडी में है और पूछताछ में रोज़ नए “एपिसोड” खुल रहे हैं।

जमशेदपुर से ऑपरेट होता था पूरा ‘स्पाय वेब’

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूरा नेटवर्क जमशेदपुर (टाटा नगर) से चल रहा था — जहां फर्जी दस्तावेज़ों की मदद से पहचान पत्र और पासपोर्ट तैयार किए जा रहे थे। इस नेटवर्क का काम इतना “स्मूद” था कि संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ID कार्ड तक हासिल कर लिए गए थे।

कुशवाहा ने बताया कि तलाशी में दो नकली पासपोर्ट और एक असली पासपोर्ट जब्त किया गया है। आदिल के भाई अख्तर हुसैनी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है — जिसने कथित रूप से खाड़ी देशों में कई यात्राएं की थीं।

आदिल पर लगीं कड़ी धाराएं — जालसाजी से लेकर जासूसी तक

26 अक्टूबर को आदिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61(2) – आपराधिक षड्यंत्र, 318 – धोखाधड़ी, 338 – मूल्यवान दस्तावेज की जालसाजी, 340 – नकली दस्तावेज बनाकर असली की तरह इस्तेमाल के तहत केस दर्ज किया गया है।
कोर्ट ने आरोपी को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

स्पाय गेम में नया लेवल: विदेशी वैज्ञानिक से कनेक्शन

दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि आदिल की बातचीत एक विदेशी परमाणु वैज्ञानिक से होती थी — जो अब इस केस को सिर्फ जालसाजी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बना देता है। यानी मामला अब RAW और IB के “एक्सक्लूसिव अटेंशन ज़ोन” में आ गया है।

“आदिल के पास इतने नाम हैं कि अगर उसने PAN कार्ड बनवाया होता तो UIDAI खुद कन्फ्यूज़ हो जाता!”

“पासपोर्ट ऑफिस की लाइन में खड़े लोग सोच रहे होंगे — भाई, हमें तो एक असली पासपोर्ट नहीं मिलता, और इसे तीन-तीन मिल गए!”

दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन से साफ है — देश में ‘जासूसी 2.0’ का नया वर्ज़न चल रहा है, जहां एजेंट अब VPN नहीं, पासपोर्ट की फाइलें बदलते हैं।

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