डॉक्टर की हथेली पर लिखा सच, इंजीनियर और पुलिसवाला सलाखों के पीछे

भोजराज नावानी
भोजराज नावानी

महाराष्ट्र के सतारा में एक महिला डॉक्टर की सुसाइड ने पूरे सिस्टम की नींद उड़ा दी है। फलटन उपजिला अस्पताल में कार्यरत 28 वर्षीय डॉक्टर ने अपनी जान देने से पहले एक हथेली पर लिखा सुसाइड नोट छोड़कर कई चौंकाने वाले राज़ खोल दिए।

पुलिस ने इस केस में एक आईटी इंजीनियर और एक पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) को गिरफ्तार किया है। कहानी में ट्विस्ट ये है कि आरोपी इंजीनियर की बहन ने ही डॉक्टर पर पलटवार करते हुए कई नए दावे किए हैं।

गिरफ्तारी की कहानी: फार्महाउस नहीं, घर से उठाया गया इंजीनियर

इंजीनियर के परिवार का कहना है कि पुलिस ने जो बताया, वो “स्क्रिप्टेड वर्जन” है। परिवार के मुताबिक, उसे पुणे के फार्महाउस से नहीं, बल्कि फलटन स्थित घर से सरेंडर करने के बाद पकड़ा गया।

भाई ने कहा — “हमने ही उसे फोन कर सरेंडर करने को कहा था। उसके सोशल मीडिया और कॉल रिकॉर्ड पुलिस को दे दिए हैं। मेरे भाई ने डॉक्टर को कभी कॉल नहीं किया, उल्टा वो ही बार-बार फोन करती थी।”

एक साल से डॉक्टर थी किराएदार

परिवार के अनुसार, डॉक्टर पिछले एक साल से उनके ही घर में किराए पर (₹4000/माह) रह रही थी। वो परिवार से इतनी करीब थी कि घरवाले उसे “अपनी बेटी जैसी” मानते थे।

छोटी बहन ने बताया — “डेंगू के इलाज के दौरान दोनों में जान-पहचान हुई थी। कुछ दिन पहले डॉक्टर ने शादी का प्रपोज़ल रखा था, लेकिन मेरे भाई ने मना कर दिया। इसके बाद वह तनाव में दिख रही थी।”

पुलिस को मिली व्हाट्सएप चैट और कॉल रिकॉर्डिंग

जांच में पुलिस को दोनों के बीच की चैट और कॉल डिटेल्स मिली हैं। इनमें डॉक्टर ने खुद अपने तनाव, दबाव और मानसिक स्थिति की बातें की हैं।
पुलिस अधिकारी का कहना है — “कुछ चैट से लगता है कि मामला केवल एकतरफा इमोशनल नहीं, बल्कि जटिल रिश्ता था।”

चार दिन की पुलिस हिरासत, जांच में कई पेंच

इंजीनियर को अदालत ने 28 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। वहीं, सब-इंस्पेक्टर ने खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) किया।

हथेली पर लिखा सुसाइड नोट: दर्द की आखिरी लकीर

डॉक्टर के हाथ पर लिखा नोट ही इस केस की सबसे बड़ी ‘एविडेंस’ बन गया है। उसमें उसने स्पष्ट तौर पर लिखा था कि पुलिस अफसर और मकान मालिक का बेटा उसे “यह कदम उठाने को मजबूर कर रहे हैं।”

पुलिस ने इस आधार पर बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

क्या बोले सतारा एसपी तुषार दोशी?

“एक महिला ने जान दी है, इसलिए हम इसे बेहद गंभीरता से देख रहे हैं। आरोपों में कुछ सच्चाई हो सकती है, लेकिन अभी जांच जारी है। व्हाट्सएप चैट, तकनीकी सबूत और ब्लैकमेल एंगल पर फोकस किया जा रहा है।”

‘WhatsApp University’ अब जांच का नया भगवान!

हर हाई-प्रोफाइल केस में अब “WhatsApp चैट” ही सच-झूठ तय करती है। कानून अपनी रफ्तार से चलता है, पर सोशल मीडिया पहले ही फैसला सुना देता है! इस केस में भी लोग दो गुटों में बंट चुके हैं — एक “Justice for Doctor” और दूसरा “Save the Engineer”!

सतारा का यह केस सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि सिस्टम और रिश्तों के बदलते चेहरे की कहानी है — जहां भरोसा, प्रेम, और प्रतिष्ठा — तीनों ‘फॉरवर्डेड मैसेज’ की तरह टूट जाते हैं।

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