
25 अक्टूबर 2025 से छठ महापर्व की धूमधाम शुरू हो गई है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और ओडिशा में मनाया जाता है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के मुख्य चरण हैं:
- नहाय-खाय (25 अक्टूबर, शनिवार)
- खरना (26 अक्टूबर, रविवार)
- संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर, सोमवार)
- उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर, मंगलवार)
छठ पूजा में श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं।
नहाय-खाय का महत्व (Significance of Nahay-Khay)
नहाय-खाय छठ पूजा का पहला और सबसे पवित्र दिन है। व्रती सुबह सूरज की पहली किरण के साथ स्नान करते हैं और अपने घर व आंगन की सफाई करते हैं।
इस दिन व्रतियों का भोजन एक बार सात्विक रूप से ग्रहण किया जाता है। इससे घर-परिवार में सुख, शांति और पॉजिटिव एनर्जी आती है।
नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त 2025
- पहला मुहूर्त: 11:42 AM – 12:27 PM
- दूसरा मुहूर्त: 01:57 PM – 02:42 PM
नहाय-खाय भोजन (Nahay-Khay Bhojan)
व्रतियों को सात्विक भोजन करना चाहिए:
- कद्दू-भात (कद्दू की सब्जी, अरवा चावल, चना दाल)
- प्याज और लहसुन से बचें
- भोजन पहले देवी-देवताओं को अर्पित करें
नहाय-खाय के नियम (Do’s & Don’ts)
क्या करें:

- नए और शुद्ध कपड़े पहनें
- स्नान करें और बाल धोएं
- शुद्ध चूल्हे पर खाना बनाएं
- दिन में केवल एक बार भोजन करें
- ब्रह्मचर्य का पालन करें
- मंत्र जाप अधिक से अधिक करें
क्या न करें:
- झूठ न बोलें
- नकारात्मक चीजों से दूर रहें
- काले रंग के कपड़े न पहनें
- बिना स्नान पूजा की वस्तुएं न छुएं
- साधारण नमक का उपयोग न करें
- बाल, नाखून, दाढ़ी न काटें
पहनने योग्य रंग (Colors to Wear)
- सुझावित: हरा, लाल, पीला, ऑरेंज, केसरिया
- बचें: काला, भूरा, ग्रे, नीला
छठी मैया की आरती (Chhathi Maiya Aarti)
व्रती नहाय-खाय के दिन छठी मैया की आरती करते हैं। मंत्र और भजन के माध्यम से सूर्य देव और छठी मैया की स्तुति की जाती है।
आरती का छोटा अंश:
“ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥”
नहाय-खाय शुभकामना संदेश (Wishes for Nahay-Khay)
- “छठ की पावन बेला आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए। नहाय-खाय की हार्दिक शुभकामनाएं!”
- “छठी मैया आपके घर में खुशियों की बारिश करें। नहाय-खाय मंगलमय हो!”
- “सूर्य देव की कृपा आपके जीवन को रोशन करे। छठ पूजा 2025 की शुभकामनाएं!”
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