
एयरफोर्स वन में बैठे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा माहौल बना दिया जैसे उन्होंने अभी-अभी भारत से तलाक फाइनल कर लिया हो। पत्रकारों के सामने ट्रंप ने कहा, “मोदी ने मुझसे कहा था – डोनाल्ड, हम रूस से तेल नहीं खरीदेंगे।”
और फिर… वो कागज फेंक दिया, जिस पर कुछ भी लिखा नहीं था, लेकिन भावनाएं बहुत भरी हुई थीं।
भारत-रूस तेल डील: ट्रंप बोले– खत्म करो वरना टैरिफ का डोज मिलेगा
ट्रंप ने सीधे तौर पर धमकी दी, “अगर भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया, तो इतना टैरिफ लगाऊंगा कि टैक्स भरते-भरते योगा ही करना पड़े!”
उन्होंने कहा कि 25% एक्स्ट्रा टैरिफ पहले ही इसीलिए लगाया गया है क्योंकि तेल वाला रिश्ता रूस के साथ अभी भी चालू है। और अगर भारत नहीं माना तो “टैरिफ लेवल 9000” पर पहुंच जाएगा।
भारत बोला – “ऐसी कोई बात ही नहीं हुई”
ट्रंप की इस धमकी पर भारत का विदेश मंत्रालय बोला:
“मोदी जी ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं। और अगर ट्रंप साहब ने सपने में सुना हो, तो वो उनका व्यक्तिगत मामला है।”
MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ़ कहा – “ऊर्जा पर बातचीत चल रही है, लेकिन रूस से तेल न खरीदने का कोई वादा नहीं किया गया।”

ट्रंप लॉजिक: “मोदी ने वादा किया, अब कह रहे ऐसा कुछ नहीं बोला”
ट्रंप की माने तो मोदी जी उनसे वादा कर चुके हैं, लेकिन अब पब्लिकली ऐसा कहने से मना कर रहे हैं। यानी, ट्रंप के दिमाग में ये डील WhatsApp पर हुआ था शायद, जिसे अब कोई पढ़ नहीं सकता।
विपक्ष को मिला मुद्दा, सरकार फंसी सफाई में
भारत में विपक्ष ने तुरंत मुद्दा लपक लिया।
“अगर ऐसा कोई वादा किया गया है, तो जनता को क्यों नहीं बताया गया?”
वहीं सरकार अब हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही बता रही है कि “ऐसा कोई वादा नहीं किया, ट्रंप के बयान पर हैरानी है।”
ट्रंप का टैरिफ टूल और मोदी की चुप्पी – किसकी होगी जीत?
ट्रंप की धमकी अब रेगुलर फीचर बन गई है, और मोदी सरकार की सफाई भी उतनी ही रूटीन। लेकिन इस बार मामला इंटरनेशनल व्यापार और कूटनीति से जुड़ा है। देखना ये है कि तेल बचेगा या टैरिफ चढ़ेगा?
ट्रंप बोले: पाकिस्तान-अफगानिस्तान का झगड़ा? “चुटकी में सुलझा दूं!”
