
उत्तर प्रदेश की राजनीति में “कभी राजा, कभी कैदी और अब फिर से सुरक्षा प्राप्त” नेता बने आजम खान की वाई-श्रेणी सुरक्षा एक बार फिर से बहाल कर दी गई है।
23 महीने जेल में बिताने के बाद, आजम खान न केवल बाहर आ गए हैं, बल्कि सरकार को उन्हें फिर से सुरक्षा देने पर मजबूर कर दिया है।
जेल से रिहाई के बाद फिर हुए ‘जनप्रिय’
2022 में भड़काऊ भाषण के मामले में तीन साल की सजा पाए आजम खान को जेल भेजे जाते ही विधानसभा सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा था।
सरकार ने उनके “VVIP” सुरक्षा टैग को भी रद्द कर दिया था — लेकिन अब जब भीड़ फिर से उमड़ने लगी, नेता से मिलने की लाइनें लगने लगीं, तो शासन-प्रशासन ने अपनी पुरानी ‘Y-श्रद्धा’ बहाल कर दी।
अखिलेश यादव का समर्थन और सियासी मिर्च-मसाला
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुद रामपुर पहुंचे, आजम खान से मुलाकात की और “राजनीतिक बदले” की बात दोहराई।
उनके मुताबिक, “आजम साहब को फंसाया गया, बदला लिया गया, और अब उनका सम्मान लौटाना होगा।”
क्यों मिली फिर से Y-श्रेणी सुरक्षा?
- सुरक्षा मुख्यालय ने आजम खान को पत्र भेजा
- तीन गनर और सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं
- प्रशासन ने कहा: “यह निर्णय सुरक्षा जरूरत के अनुसार लिया गया, न कि किसी राजनीतिक दबाव में।”
“भीड़ बढ़ी, भीख नहीं मांगी, बस Y मिल गई – Welcome Back Honourable Ex!”
Y की कहानी, A से Z तक
आजम खान को सुरक्षा मिलना कई सवाल खड़े करता है:

- क्या राजनीति में सुरक्षा “लायक़ी” पर मिलती है या “लाउडनेस” पर?
- अगर सुरक्षा ज़रूरी थी, तो जेल के समय क्यों हटाई गई?
- अगर ज़रूरी नहीं थी, तो अब भीड़ देखकर क्यों दी गई?
- शायद “जनता का प्यार ही असली खतरा है!”
अभी तो वापसी शुरू हुई है…
आज़म खान की राजनीतिक वापसी की तैयारी है? समर्थक इसे “न्याय की जीत” बता रहे हैं, तो विपक्ष इसे “सियासी दिखावा” कह रहा है।
लेकिन सवाल वही – सुरक्षा बहाल हुई या भविष्य की सरकार बहाल होने की तैयारी?
“Y सुरक्षा गई, Y सुरक्षा आई – नेता वही पुराना है, बस जेल वाला ठप्पा नया है!”
अब देखने वाली बात यह होगी कि आजम खान क्या इसी सुरक्षा के सहारे फिर से राजनीति की ‘मुख्य धारा’ में कूदेंगे या फिर यह सिर्फ “Safe Exit Strategy” है।
पति का धोखा दिख गया! करवाचौथ पर बीच सड़क बना थप्पड़ों का चांद