शांति का वादा, बम का इरादा! गाज़ा में ट्रंप प्लान की धज्जियां

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

“हम शांति चाहते हैं, लेकिन पहले सब कुछ मानो, वरना मिसाइल तैयार है!”
कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे हैं इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जिनके नेतृत्व में गाज़ा में हमला तब भी जारी है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 21 सूत्रीय शांति योजना को हमास ने औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है।

गाज़ा में मौत की बारिश, 7 बच्चे भी शिकार

ताज़ा इज़रायली हमलों में कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। 2 महीने से 8 साल तक की उम्र के 7 मासूम बच्चों की जान भी चली गई।
बमबारी का कहर तुफ्फाह और अल-मवासी जैसे रिहायशी इलाकों पर टूटा, जिससे कई परिवार हमेशा के लिए उजड़ गए।

“शांति हो या शो, बच्चों की जान अब टीआरपी का आंकड़ा बनती जा रही है।”

हमास ने माना ट्रंप प्लान, लेकिन नेतन्याहू को और चाहिए

हमास ने ट्रंप की गाज़ा शांति योजना को स्वीकार कर लिया है, जिसमें इज़रायली बंदियों की रिहाई के बदले 2000 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, गाज़ा से इज़रायल की वापसी जैसे बिंदु शामिल हैं।

लेकिन नेतन्याहू साफ कह चुके हैं — “जब तक हमास निरस्त्रीकरण की लिखित गारंटी नहीं देता, ऑपरेशन नहीं रुकेगा।”

यानि “Plan मान लिया, पर Point-to-Point Agreement चाहिए Boss!”

10 लाख लोग बेघर, अल-मवासी बना मौत का शिविर

रिपोर्ट बताती है कि अब तक 10 लाख से ज़्यादा लोग गाज़ा से विस्थापित हो चुके हैं। दक्षिण गाज़ा का अल-मवासी विस्थापन शिविर, जो राहत का केंद्र था, अब खुद हमलों का निशाना बन गया।

“जिस जगह लोग जान बचाने पहुंचे थे, वही अब कब्रिस्तान बन रही है।”

मिस्र में होगी शांति वार्ता, ट्रंप टीम एक्टिव

व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर को मिस्र भेजा गया है, जहां वे इज़रायल और हमास के शांति प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। मिस्र इस बातचीत का मध्यस्थ होगा।

अब देखना यह है कि शांति वार्ता के मेज़ पर हथियार कब रखे जाएंगे, या फिर हर डिप्लोमैटिक हैंडशेक के बाद फिर बम गिरेंगे?

ट्रंप का प्लान या ट्रेलर?

21 पॉइंट्स की शांति योजना, सुनने में तो ‘अच्छे दिन’ जैसी लगती है। लेकिन ग्राउंड पर रॉकेट्स ज्यादा और रिजॉल्यूशन कम नजर आ रहे हैं। ट्रंप शायद सोचते हैं, “मैंने प्लान दे दिया, अब सब चुपचाप मान जाएंगे।” पर नेतन्याहू का रिमोट शायद “शांति मोड” पर नहीं है।

शांति का नाम लेकर युद्ध की चाल?

एक तरफ ट्रंप की “पीस डील”, दूसरी तरफ नेतन्याहू का “पीस-आउट”, और बीच में पिसता है गाज़ा का मासूम नागरिक। जब तक हर पक्ष पूरी तरह से राज़ी नहीं होता, तब तक ये “योजना” सिर्फ एक डिप्लोमैटिक ड्रामा ही लगती है।

सलमान बोले: “बजाज को बजाओ!” Bigg Boss में अमाल-अभिषेक का झगड़ा

Related posts

Leave a Comment