
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा शहर में सोमवार को एक बड़ा विस्फोट हुआ। इस ब्लास्ट ने पूरे शहर को हिला दिया, और एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
धमाका कहां हुआ?
ये धमाका क्वेटा स्थित अर्धसैनिक बल ‘फ्रंटियर कोर’ (FC) के मुख्यालय के पास हुआ। शहर के मॉडल टाउन इलाके से धुआं उठता देखा गया, और चश्मदीदों ने गोलियों की आवाजें भी सुनीं।
कितना नुकसान हुआ?
प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री बख़्त काकर ने पुष्टि की कम से कम 9 लोगों की मौत, 32 लोग घायल, जिनमें कई की हालत गंभीर, घायलों और मृतकों में सुरक्षा बलों के जवान भी शामिल हैं।
शहर में अब अस्पतालों में आपातकाल लागू कर दिया गया है। सभी डॉक्टर और स्टाफ को ड्यूटी पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
“धमाके के बाद लगातार फायरिंग की आवाजें आ रही थीं। लोग दहशत में इधर-उधर भाग रहे थे।”
सुरक्षा और राजनीति पर सवाल
ये धमाका न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए चिंता की बात है, बल्कि पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोलता है। बलूचिस्तान पहले से ही सुरक्षा चुनौतियों और विद्रोहियों की गतिविधियों से जूझ रहा है।

अब आगे क्या?
जांच एजेंसियों ने ब्लास्ट साइट को सील कर दिया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आतंकी हमला हो सकता है। कोई संगठन ने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है।
एक बार फिर सवाल वही है – क्या पाकिस्तान अपने ही शहरों को सुरक्षित रखने में नाकाम हो रहा है? और क्या बलूचिस्तान में हर धमाका केवल आंकड़ों में सिमट जाएगा?
जब शहर की सड़कों पर धुआं और चीखें गूंजती हैं, तो सिर्फ अस्पताल नहीं…सिस्टम भी इमरजेंसी में चला जाता है।