एक और नाला, एक और मौत! घोसीपुरा में 8 साल की आफरीन की मौत

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

गोरखपुर शहर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरा मोहल्ले में सोमवार शाम मूसलाधार बारिश के दौरान 8 साल की आफरीन, नाले में गिर गई। वो टीले वाली मस्जिद के पास मदरसे से पढ़कर घर लौट रही थी, तभी खुले और असुरक्षित नाले में फिसलकर गिर पड़ी।

नाले में तेज़ बहाव के कारण वह करीब 50 मीटर तक बह गई। स्थानीय लोगों ने जान बचाने की पूरी कोशिश की। पहले एक निजी अस्पताल और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

नगर निगम की लापरवाही बनी आफरीन की मौत की वजह

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि:

  • नाले का निर्माण नगर निगम द्वारा महीनों से किया जा रहा है

  • ठेकेदारों ने कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं लगाई

  • निर्माण कार्य कछुए की रफ्तार से हो रहा था

  • बरसात के मौसम में सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी नहीं की गई थी

❝ ये मौत एक हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या है। ❞ – स्थानीय निवासी

जनता में उबाल: “आज आफरीन गई, कल कौन?”

घटना के बाद इलाके में नगर निगम और ठेकेदार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि अगर समय रहते सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते, तो आफरीन ज़िंदा होती।

लोगों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और पीड़ित परिवार को न्याय देने की अपील की है।

सिस्टम पर सवाल: क्या मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं?

आफरीन की मौत ने एक बार फिर नगर निकायों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है।

  • क्या ठेकेदारों को जवाबदेह ठहराया जाएगा?

  • क्या नगर निगम अपने कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगा?

  • और क्या ऐसी घटनाओं से कुछ सीखा जाएगा, या ये बस संवेदनहीन आंकड़ा बनकर रह जाएगी?

घोसीपुरा में आफरीन की मौत एक चेतावनी है — प्रशासन, नगर निगम और ठेकेदारों के लिए। अगर अभी भी सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज किया गया, तो नाले केवल पानी नहीं, मासूम ज़िंदगियां निगलते रहेंगे।

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