
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के फिर से राष्ट्रपति बनते ही पुराने खेल में नए ट्विस्ट के साथ लौट आए हैं – रेसिप्रोकल टैरिफ।
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पहले लगाया 10% बेसलाइन टैक्स फिर 25% भारत पर रूस से तेल खरीदने की नाराज़गी में फिर 5 दिन बाद और 25% जोड़कर बना दिया कुल 50%, यानी अब भारत से अमेरिका को जो भी निर्यात होगा, उस पर आधी कमाई पहले ही ट्रंप जी काट लेंगे — GST नहीं, यह है “Gora Surcharge Tax”!
भारत का जवाब – “आपका गुस्सा, हमारी रणनीति नहीं बदल सकता!”
भारत ने कड़े शब्दों में कहा:
“हम राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा ज़रूरतों से कोई समझौता नहीं करेंगे।”
विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसे अनुचित, विवेकहीन, अन्यायपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। यानि डिक्शनरी की हर निगेटिव शब्दावली अमेरिका पर फेंक दी गई — और ट्रंप का Twitter अभी भी सस्पेंड नहीं हुआ है!
रूस का रिएक्शन: “भाई, ये तो ग़लत बात है!”
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “भारत का रूस से तेल खरीदना उसकी ज़रूरत है, न कि अमेरिका की परमिशन से जुड़ा कोई अपराध।”
और साथ ही ट्रंप के टैरिफ़ को “अवैध और अनैतिक दबाव” बताया।
यानी ट्रंप की नाराज़गी का नाम अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हो गया है – “ओवररिएक्शन विद टैक्सेशन”
ब्राज़ील ने कहा – “India भाई, साथ हैं हम!”
ब्राज़ील खुद भी ट्रंप के टैरिफ़ शिकार हुए (50%) लेकिन उसका जवाब था:
“हम भारत के साथ ट्रेड और रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे।”
7 अगस्त को मोदी और लूला दा सिल्वा की कॉल में बातचीत हुई — और दुनिया ने देखा कि “ब्रिक्स में भाईचारा अभी ज़िंदा है!”
ट्रंप का फॉर्मूला – “आयात कम करो, टैक्स ज़्यादा भरो”
रेसिप्रोकल टैरिफ का मकसद:
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अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट कम करना
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विदेशी प्रोडक्ट्स महंगे करके घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रमोट करना
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और चुनावों से पहले “अमेरिका फर्स्ट” का ढोल पीटना
लेकिन दुनिया पूछ रही है:
“जब आप भी रूस से खरीदारी करते हो, तो भारत पर क्यों भड़कते हो?”
भारत को मिला इंडस्ट्री और जनता का सपोर्ट
आनंद महिंद्रा, हर्ष गोयनका जैसे उद्योगपति भारत के साथ खड़े हैं।
उनका कहना है:
“भारत का रुख मज़बूत और स्वाभिमानी है, यह दबाव में नहीं झुकेगा।”
मोदी सरकार ने संकेत दिए हैं कि:
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भारत विकल्पों पर काम कर रहा है
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रूस और ब्राज़ील के साथ ट्रेड और तेज़ होगा
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और ज़रूरत पड़ी तो जवाबी टैरिफ़ भी लगाया जा सकता है
ट्रंप ने भारत से व्यापार वार्ता करने से भी किया इनकार
जैसे ही भारत ने अमेरिका के टैरिफ़ को “अनुचित” कहा, ट्रंप ने तुरंत कहा:
“अब हम भारत से ट्रेड वार्ता नहीं करेंगे।”
यानी – “आप रूसी तेल पिएं, लेकिन कोका-कोला भूल जाएं!”
यह सिर्फ टैक्स नहीं, यह राजनीति है – और भारत पीछे नहीं हटेगा!
ट्रंप के इस कदम से:
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अमेरिका के उपभोक्ताओं को भी नुक़सान होगा
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वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और भी अनिश्चित हो जाएगी
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और भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव और बढ़ेगा
लेकिन भारत ने साफ कर दिया है – हम दवाब में नहीं, नीति से चलेंगे।
क्या होता है टैरिफ़, और इससे कौन जलता है? भारत पर 50% टैरिफ़