धमकाया, धमकाओ, धमका रहे हो – EC ने बोला—न्यूज़ नहीं, न्यूसेंस है!”

शकील सैफी
शकील सैफी

(दिल्ली वाली टोन का मजा लीजिये)

राहुल बोले—‘EC वोट चुरा रहा है’, आयोग बोला—‘तेरा बयान गाइडलाइन से बाहर है!’ दिल्ली की गर्मी कम हो या न हो, राजनीति का तापमान जरूर हाई है! कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बम फोड़ दिया—“वोट चोरी हो रही है भाई, और EC इसमें शामिल है!”
लेकिन चुनाव आयोग ने तुरंत बटन दबाया—“भाई तू बार-बार डराता है, धमकाता है, ये गैर-जिम्मेदाराना हरकत है।”

“मेरे पास प्रूफ है!” — राहुल गांधी, 2025 एडिशन

राहुल जी बोले, “मैं 100% प्रूफ के साथ कह रहा हूं। 6 महीने की जांच की है, जो मिला है वो एटम बम है।”

सुनते ही ट्विटर, इंस्टा और सारे सोशल चैनल्स पर ट्रेंड होने लगा, #AtomBombByRahul लेकिन आयोग ने कहा—“प्रूफ दिखाओ, पार्टी नहीं!”

EC ने खोला राहुल का पुराना चैप्टर

चुनाव आयोग ने कहा—“2024 लोकसभा चुनाव खत्म हुए 1 साल हो गया। कांग्रेस ने एक भी रिटर्न फाइल नहीं की। न याचिका, न विरोध।”

EC ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 80 का हवाला दिया और साफ कहा— “भाई, तुम्हारे पास पूरा हक था कोर्ट जाने का… लेकिन तुम तो ट्विटर पे ही रह गए!”

सूची दी थी, फिर भी शोर क्यों?

EC ने यह भी बताया कि ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट कांग्रेस को समय पर दी गई थी। लेकिन कांग्रेस ने उस समय कोई आपत्ति नहीं जताई। अब आयोग का तंज—“जब खाना गरम था, तब चखते क्यों नहीं? अब ठंडा होने के बाद नमक ढूंढ रहे हो?”

‘आयोग ने कहा: मतदाता सूची है, पर्ची भी है, लेकिन ड्रामा किसे पसंद नहीं?’

मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर राहुल का कहना है कि ये “वोट चोरी का टूल” है।
EC का जवाब—“यह जनता का टूल है, पार्टी का प्रोपेगेंडा नहीं।”

राहुल बोले—“EC देश के खिलाफ काम कर रहा है।”
आयोग ने सोचा—“हम क्या पाकिस्तान की एजेंसी हैं?”

चुनाव आयोग के जवाब की हाईलाइट्स:

  • “राहुल बार-बार डराते-धमकाते हैं।”

  • “उनके बयान भ्रामक और गैर-जिम्मेदाराना हैं।”

  • “SIR पारदर्शी प्रक्रिया है, वोट चोरी नहीं।”

111 साल बाद भी “चारबाग स्टेशन से ट्रेनें भी फुसफुसा के निकलती हैं!”

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