Air India AI-171 हादसे पर WSJ और Reuters को FIP का लीगल नोटिस

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

AI-171 फ्लाइट हादसे में 250+ मौतें हुईं, लेकिन The Wall Street Journal और Reuters ने नतीजे ऐसे निकाल दिए जैसे वो जांच एजेंसी हों और ब्‍लैकबॉक्स की जगह ब्लैक कॉफी से रिपोर्ट लिख रहे हों।
FIP (Federation of Indian Pilots) का सब्र टूटा और उन्होंने सीधे WSJ और Reuters को कानूनी नोटिस ठोक दिया।

FIP अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा बोले:
“जब रिपोर्ट में ऐसा कुछ है ही नहीं, तो WSJ को पायलटों को दोषी ठहराने की ठेकेदारी किसने दे दी?”

‘गलती पायलटों की नहीं, हेडलाइनबाजों की है!’

FIP ने साफ कहा है — WSJ और Reuters की रिपोर्टिंग ने न सिर्फ तथ्यात्मक मर्यादा तोड़ी है बल्कि पायलटों की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।
अब FIP की मांग है:

  • सार्वजनिक माफी मांगे WSJ और Reuters

  • रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण दें

  • नहीं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें

“Breaking News: Journalism की फ्लाइट ने Runway छोड़ा, और सीधे Rumour-Zone में crash कर गई!”

NTSB ने भी ठोका ब्रेक: ‘रिपोर्टिंग नहीं, रुकिए जनाब!’

NTSB (National Transportation Safety Board) की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी भी रिपोर्टों से खुश नहीं।
उन्होंने कहा:

“AAIB की जांच पूरी होने दीजिए। अभी जो चल रहा है वो गैस्ट्रोनॉमी नहीं, इन्वेस्टिगेशन है, टाइम लगेगा।”

FIP ने इस स्टेटमेंट को “सत्यमेव जयते” मोमेंट कहा है। अब अमेरिकी भी मान रहे हैं कि मीडिया Breaking के चक्कर में Investigating को तोड़-मरोड़ रहा है।

जांच कहती है: No conclusion yet, मीडिया कहती है: Conclusion sold out

रिपोर्टिंग का स्टैंडर्ड ऐसा हो गया है कि

  • फैक्ट चेक से ज़्यादा “फैसला चेक” किया जा रहा है

  • “जांच एजेंसी के बजाय Breaking News एजेंसी”

कैप्टन रंधावा बोले —
“अगर WSJ को ही सब कुछ पता है, तो उन्हें FDR और CVR खोल कर खुद क्यों नहीं सुन लेना चाहिए?”

AAIB कर रही है जांच, लेकिन Headlines पहले से फाइनल!

Air India AI-171 हादसे की जांच भारत की AAIB कर रही है — और वो अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँची है। पर WSJ-Reuters की रिपोर्टें बताती हैं कि “Headline पहले बनती है, जानकारी बाद में आती है”

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