ट्रंप बोले—गवाही खोलो, कोर्ट बोला—पहले गोपनीयता पढ़ लो

Jyoti Atmaram Ghag
Jyoti Atmaram Ghag

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार रात अपने एक पावर-पैक्ड सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अब बहुत हो चुका — जेफरी एपस्टीन केस की ग्रैंड जूरी गवाही सार्वजनिक होनी चाहिए

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“अदालत की मंजूरी के अधीन, बॉन्डी जी को सब कुछ खोल देने का हक़ दिया जाता है,”

उन्होंने लिखा, जैसे सच और गोपनीयता की लड़ाई का वारंट अपने सिग्नेचर से खुद जारी कर दिया हो।

ग्रैंड जूरी की गोपनीयता बनाम ट्रंप की पारदर्शिता की पुकार

AG पाम बॉन्डी, ट्रंप की वफादार और कभी न्याय के रक्षक तो कभी रहस्य के प्रवक्ता, तुरंत कूद पड़ीं।

“कल ही अदालत चलेंगे, ट्रांसक्रिप्ट लेकर!”

हालांकि, फेडरल कोर्ट का मुंह खोलना इतना आसान नहीं
ग्रैंड जूरी गवाही, अमेरिका के सबसे गुप्त “सुपारी दस्तावेज़ों” में से एक मानी जाती है। कोई “ओपन बुक टेस्ट” नहीं चल रहा यहाँ।

“वीडियो, फोटो, और कुछ मसालेदार?” — डेमोक्रेट्स ने पूछा

डेमोक्रेट सांसद डैन गोल्डमैन ने सोशल मीडिया पर बॉन्डी की पहल को बताया:

“बहुत अच्छा स्टंट था, लेकिन असली सबूत कहां हैं?”

मतलब गवाही की ट्रांसक्रिप्ट चाहे बाहर आए, बिना वीडियो-फुटेज, बाइट्स और उस ‘कुख्यात’ जेल सेल कैमरा’ के, कहानी अधूरी ही लगेगी।

व्हाइट हाउस बनाम मर्डोक मीडिया: साजिश या संपादन का चक्कर?

गोलियों की बौछार के बीच एक और बम गिरा—वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2003 में एपस्टीन को ट्रंप द्वारा भेजे गए अश्लील शुभकामना संदेश की खबर छाप दी।

ट्रंप भड़के, मर्डोक को मुकदमे की धमकी दी, और WSJ की संपादिका एम्मा टकर को “वो कौन हैं?” टाइप लहज़े में याद किया।

बॉन्डी बनाम ग्रैंड जूरी: क्या गवाही खुलेगी या गुप्त ही रहेगी?

अदालत की दीवारें तोड़ना आसान नहीं, क्योंकि ग्रैंड जूरी गवाही को खुला करना एक बहुत लंबा और मुश्किल कानूनी रास्ता है।

“यह सिर्फ एक ट्रांसक्रिप्ट नहीं, ट्रंप के ‘चुनावी ट्रांसफॉर्मेशन’ की कोशिश है।”

क्योंकि अगर ये गवाही सार्वजनिक होती है — या तो ट्रंप निर्दोष दिखेंगे, या फिर और फँसेंगे

पारदर्शिता का चश्मा पहने ट्रंप — पर क्या दृश्य साफ़ है?

ट्रंप ने पारदर्शिता मांगी, बॉन्डी तैयार बैठीं, और अदालत सोच रही है — गोपनीयता बचाएं या राजनीति के दबाव में झुकें?

हो सकता है कि कोर्ट कह दे:

“मुझे ग्रैंड जूरी दिखाओ, लेकिन सिर्फ कोर्टरूम में, कैमरे के सामने नहीं।”

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