
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपद बहराइच में सरकारी भक्ति का नया अध्याय लिखा गया है। अब कह सकते हैं, “हमारे पास मंदिर है!” जी हां, सरकार ने बहराइच की 7 विधानसभा सीटों में मौजूद 7 प्रमुख मंदिरों को 75-75 लाख रुपए की ईश्वरीय सौगात दी है।
सियासत, सिस्टम और सस्पेंस! पढ़िए आज की 16 सबसे बड़ी ब्रेकिंग खबरें
हर विधानसभा को मिला एक “धार्मिक विकास केंद्र”
सरकार की इस दिव्य योजना के तहत बहराइच की हर विधानसभा में एक मंदिर को चुना गया है – ताकि जनता को मिले भक्ति में समानता और नेताओं को मिले क्षेत्रीय संतुलन में मोक्ष।
75 लाख की भक्ति:
मंदिरों को मिले इस “प्रसाद धन” से उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा — मतलब शायद अब मंदिरों में संगमरमर की फर्श, एलईडी लाइट्स, फोटोबूथ, और शायद Instagram-ready घंटियों का इंतजाम भी हो!
अब श्रद्धालु दर्शन के बाद “#DivineVibesOnly” हैशटैग के साथ स्टोरी डाल सकेंगे।
पर्यटन भी मिलेगा बढ़ावा
सरकार का मानना है कि इन मंदिरों के सुंदर बनने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यानी अब लोग नैनीताल या गोवा की जगह कहेंगे – “चलो बहराइच, दर्शन और दर्शनशास्त्र दोनों एक साथ।”
भक्ति में भी बजट चाहिए, और वो आ गया!
भक्ति तो आत्मा की चीज़ है, परंतु जब आत्मा एयरकंडीशन में चैन से ध्यान लगाए, तो सरकार को भी पुण्य ज्यादा मिलता है। यह सौगात केवल मंदिरों के लिए नहीं, एक संदेश है – विकास सिर्फ सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों तक सीमित नहीं, अब मंदिरों में भी ‘डिजिटल इंडिया’ की आभा होगी।