
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई जब CBI कार्यालय परिसर में तैनात सब-इंस्पेक्टर वीरेंद्र पर एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर दिया। हमले के बाद आरोपी को भागते समय मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने धर दबोचा और तुरंत हजरतगंज थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
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धनुष-बाण से हमला:
पुलिस ने बताया कि आरोपी व्यक्ति 32 साल पुराने एक मामले में बदला लेने की नीयत से लखनऊ पहुंचा था और जैसे ही उसे SI वीरेंद्र नजर आए, उसने धनुष-बाण से हमला कर दिया।
पुलिस ने मौके से धनुष-बाण बरामद कर लिया है। मामले की गहन जांच की जा रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है।
वीरेंद्र की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घटना में गंभीर रूप से घायल हुए SI वीरेंद्र को तुरंत लखनऊ सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। CBI और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी अस्पताल पहुंच कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
32 साल पुराना ‘रेलवे ट्रैप केस’: बदला या पागलपन?
पुलिस सूत्रों की मानें तो यह हमला एक 1993 में दर्ज रेलवे ट्रैप केस से जुड़ा हो सकता है। उस समय आरोपी रेलवे में कार्यरत था और CBI की जांच के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। माना जा रहा है कि SI वीरेंद्र उसी ट्रैप केस की जांच टीम का हिस्सा थे, और हमलावर ने इतने वर्षों बाद अब अपना ‘बदला’ लिया।
अब पुलिस पुराना रिकॉर्ड खंगाल रही है, जिससे इस सनसनीखेज हमले के पीछे की सच्चाई पूरी तरह से सामने आ सके।
लखनऊ CBI ऑफिस में हुआ ये हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पुरानी रंजिशें कभी-कभी किस हद तक ले जाती हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि हमले के लिए चुना गया हथियार—धनुष-बाण—ने इस मामले को और भी रहस्यमयी बना दिया है।
पुलिस और CBI अब इस केस की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है, और उम्मीद है कि इस अनोखी क्राइम थ्रिलर का सच जल्द सामने आएगा।
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