
29 सितंबर को जैसे ही असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने प्रेस से बात की, मामला सीधे सियासी मोड़ ले गया।
गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भूमिका पर उंगली उठाते हुए कहा:
“मामले की शुरुआत से ही हमें नहीं पता कि ज़ुबीन का मैनेजर कहां है। प्रमुख कार्यक्रम आयोजक कहां हैं? जो लोग आखिरी घंटों में उनके साथ थे, वही गायब हैं!”
गोगोई ने आरोप लगाया कि जांच की दिशा जानबूझकर “मुख्य पात्रों” से हटाई जा रही है।
Singapore तक पहुँचा केस, लेकिन सवाल यहीं हैं
CM हिमंत ने पहले ही जानकारी दी थी कि Assam Govt ने MHA के ज़रिए Singapore से Mutual Legal Assistance Treaty (MLAT) लागू करने की मांग की है।
लेकिन विपक्ष का आरोप है कि ये “विदेशी रुख” सिर्फ प्रेस कॉन्फ़्रेंस optics के लिए है — असली कार्रवाई लोकल स्तर पर होनी चाहिए, जहां गवाह और संदिग्ध दोनों मौजूद हैं।
जुबीन की पत्नी गरिमा की शिकायत से हिली CID
Zubeen Garg की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने CID में नामजद शिकायत दर्ज की है। उन्होंने उन लोगों के नाम बताए जो Zubeen की मृत्यु से पहले Singapore ट्रिप में उनके साथ थे।
फैंस सवाल कर रहे हैं:
“जिन्होंने आखिरी बार Zubeen को ज़िंदा देखा, उनसे अब तक पूछताछ क्यों नहीं हुई?”
जनता का रिएक्शन: “हमारे सुरों का सितारा, अब इंसाफ़ का प्रतीक”
Zubeen Garg सिर्फ गायक नहीं, असम की आत्मा का हिस्सा रहे हैं।
उनकी मौत को लेकर राज्यभर में प्रदर्शन, कैंडल मार्च, और सोशल मीडिया पर #JusticeForZubeen ट्रेंड कर रहा है।
गुवाहाटी से डिब्रूगढ़ तक, लोगों का एक ही सुर —

“राजनीति बाद में, सच्चाई पहले!”
सियासी सस्पेंस: म्यूज़िक इंडस्ट्री या माफिया नेटवर्क?
जांच में कई एंगल सामने आ रहे हैं:
म्यूज़िक कॉन्ट्रैक्ट विवाद
असम टूरिज़्म से जुड़े लोग
Singapore ट्रिप में शामिल प्रभावशाली चेहरे
कई लोग सवाल कर रहे हैं — “क्या ये सिर्फ एक दुखद मौत है या फिर किसी नेटवर्क का हिस्सा?”
अब सुरों का इंसाफ़ ज़रूरी है
Zubeen Garg की आवाज़ भले अब शांत हो गई हो, लेकिन उनके लिए उठने वाली आवाज़ें दिन-ब-दिन तेज़ हो रही हैं।
राजनीति अपने स्कोर बटोर रही है, लेकिन जनता एक सुर में न्याय की मांग कर रही है।
CID, SIT, और अब विदेश मंत्रालय की भागीदारी के बावजूद अगर सवाल वही के वही हैं — तो असली सुर तो अभी छूटा है।