
रूस द्वारा बीते रविवार को यूक्रेन में किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद एक बार फिर युद्ध के पीछे की सप्लाई चेन सुर्खियों में है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि “हमारे एक्सपर्ट्स ने जो मलबा इकट्ठा किया है, उसमें से 1 लाख से ज़्यादा पुर्जे विदेशी कंपनियों के पाए गए हैं।”
इनमें से कई ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका और जापान की कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं। ज़ेलेंस्की का दावा है कि ये पुर्जे रूस को मिले कैसे — यही सवाल अब पश्चिमी देशों के सामने खड़ा हो गया है।
ब्रिटेन से लेकर जापान तक… कौन-कौन शामिल?
ज़ेलेंस्की ने अपने बयान में NATO सहयोगी देशों की सप्लाई चेन पर सवाल उठाते हुए कहा:
“अगर रूस को मिसाइलों में ब्रिटिश टेक्नोलॉजी मिल रही है, तो प्रतिबंध सिर्फ काग़ज़ों तक सीमित हैं।”
उन्होंने कहा कि रूस जिस तरह से विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, वो इस बात का प्रमाण है कि प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए एक पूरी अंडरग्राउंड इकोनॉमी चल रही है।
ब्रिटेन ने दी सफाई: “सख़्ती बढ़ा दी है, जांच जारी है”
ब्रिटेन के व्यापार विभाग ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“हम इन रिपोर्ट्स को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। हमने हजारों सैन्य-उपयोग वाले उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंध लगाया है।”
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सरकार उन कंपनियों की बैक-ट्रैकिंग कर रही है जिनके उत्पाद, शायद थर्ड पार्टी के ज़रिए, रूस की सैन्य सप्लाई चेन तक पहुंच रहे हैं।
“ड्रोन तो रूसी थे, पर कलपुर्जे Made in NATO?”
यूक्रेन के अनुसार, जिन ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ उनमें कुछ कंपोनेंट्स पर ब्रांड स्टैंप साफ पढ़े जा सकते हैं — जैसे कि ब्रिटिश और जर्मन कंपनियों के।
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये कंपनियां जानबूझकर रूस को सप्लाई कर रही हैं, या फिर थर्ड पार्टी सप्लायर के ज़रिए सामान क्रीमिया होते हुए मॉस्को पहुंच रहा है?

“युद्ध भले ही रूस और यूक्रेन के बीच है, लेकिन हार्डवेयर की सप्लाई ‘ग्लोबल’ है!”
ज़ेलेंस्की की मांग: “अब और मजबूत प्रतिबंध लगाइए”
ज़ेलेंस्की ने दुनिया से अपील की है कि अब वक्त आ गया है कि प्रतिबंध “डॉक्युमेंट” से निकलकर “डिलीवरी सिस्टम” तक जाएं।
“सिर्फ ये कहना काफी नहीं कि एक्सपोर्ट बैन है — जब तक सामान रूस पहुंच रहा है, तब तक बैन सिर्फ दिखावा है।”
उन्होंने कहा कि रूस न केवल विदेशी हथियार तकनीक का दुरुपयोग कर रहा है, बल्कि भाड़े के सैनिकों के सहारे युद्ध को खींच भी रहा है।
“रूसी मिसाइल बोले – थैंक यू, वेस्टर्न टेक!”
जैसा कि सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा:
“आजकल मिसाइलें लॉन्च होने से पहले पूछती हैं — मुझे कौन सा सॉफ्टवेयर अपडेट मिला है: Silicon Valley या Berlin?”
ये सिर्फ युद्ध नहीं, सप्लाई चेन का भी इम्तिहान है
यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई अब सिर्फ सीमा या सैनिकों की नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और इकोनॉमिक पॉलिसी की भी बन गई है।
ज़ेलेंस्की का दावा केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों की नीति की परीक्षा है।