
पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक़ डार सोमवार को तीन दिवसीय आधिकारिक चीन यात्रा पर रवाना हो गए। यह दौरा 19 मई से 21 मई तक चलेगा, जिसमें वे चीनी विदेश मंत्री वांग यी, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और अन्य अधिकारियों से रणनीतिक, आर्थिक और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे।
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पाकिस्तान-चीन की ‘आयरन ब्रदरहुड’ को मजबूत करने की कवायद
पाकिस्तान और चीन के संबंध लंबे समय से “आयरन ब्रदरहुड” कहे जाते हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक साझेदारी, CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा), और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को नए आयाम देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
किन नेताओं से मिलेंगे इसहाक़ डार?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरे में इसहाक़ डार की मुलाकात निम्न प्रमुख हस्तियों से होगी:
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चीनी विदेश मंत्री वांग यी
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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता
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चीनी स्टेट काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य
इस दौरान चीन-पाकिस्तान के आर्थिक, रक्षा और राजनयिक सहयोग को विस्तार देने पर बातचीत होगी।
दक्षिण एशिया पर गहन वार्ता की उम्मीद
वांग यी के साथ बैठक में दक्षिण एशिया में मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव, अफगानिस्तान की स्थिति, भारत-चीन-पाक संबंध, और अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता के प्रभाव जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस मुलाकात के ज़रिए पाकिस्तान चीन के साथ अपनी रणनीतिक गहराई को और मजबूत करना चाहता है।
विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान
पाक विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है:
“चीन सरकार के आमंत्रण पर विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक़ डार तीन दिन की चीन यात्रा पर हैं। यह यात्रा पाकिस्तान-चीन सहयोग के बहुआयामी एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।”
क्या हैं इस दौरे की रणनीतिक अहमियत?
पहलू | संभावित चर्चा |
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CPEC | परियोजनाओं की प्रगति, सुरक्षा |
क्षेत्रीय शांति | भारत, अफगानिस्तान, समुद्री सुरक्षा |
आर्थिक संबंध | निवेश, व्यापार सहयोग, IMF वैकल्पिक समर्थन |
रक्षा सहयोग | संयुक्त सैन्य अभ्यास, तकनीकी साझेदारी |
डार की यात्रा – आर्थिक संकट और कूटनीति की दोहरी चुनौती
विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा के पीछे दो मकसद हैं:
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चीन से आर्थिक सहायता और निवेश की मांग को मजबूत करना
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भारत को कूटनीतिक संदेश देना कि पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर अपने हितों की सुरक्षा को लेकर सजग है
इस दौरे का परिणाम CPEC की धीमी पड़ती रफ्तार और पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता पर काफी असर डाल सकता है।
इसहाक डार की चीन यात्रा पाकिस्तान की विदेश नीति का एक रणनीतिक पड़ाव है। जहां एक ओर यह सहयोग को गहरा कर सकता है, वहीं दूसरी ओर यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब भी चीन को अपना सबसे भरोसेमंद सहयोगी मानता है — भले ही क्षेत्रीय समीकरण कितने भी उलझे हों।