
भारत और पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट लीजेंड्स के बीच वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में होने वाला मुकाबला अब रद्द हो चुका है। और ये फैसला आया उस समय जब क्रिकेट से ज़्यादा सवाल देशभक्ति पर उठने लगे।
शिखर धवन बोले – “देश से बढ़कर कुछ नहीं!”
सोशल मीडिया बोला – “अब आया मज़ा!”
लीजेंड्स ने मैदान छोड़ा, मैदान ने मैच छोड़ा
हरभजन सिंह, शिखर धवन, सुरेश रैना और यूसुफ पठान जैसे खिलाड़ी मैदान पर उतरे बिना ही मोर्चा संभाल चुके थे। शिखर धवन के ट्वीट ने साफ कर दिया।
आयोजकों का मासूम बयान: “हम तो बस खुशियाँ बांटना चाहते थे”
WCL का कहना है कि “हमने सोचा कि जैसे हॉकी और वॉलीबॉल में भारत-पाकिस्तान खेल रहे हैं, वैसे ही लीजेंड्स भी खेल लें। लेकिन शायद हम थोड़ा ज़्यादा ‘खेल’ गए।”
यानी – “हम खेल को राजनीति से दूर रखना चाहते थे, लेकिन राजनीति ने बाउंड्री पार कर ली।”
‘आतंक और क्रिकेट में साझेदारी नहीं होती’
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ-साफ लिखा:

“आतंक के साथ कोई बातचीत नहीं और उन खिलाड़ियों के साथ कोई क्रिकेट नहीं जिन्होंने देश का अपमान किया!”
उनका ट्वीट सीधे WCL की गिल्लियां उड़ा गया। उन्होंने उन सभी लोगों का धन्यवाद दिया जिन्होंने मैच का विरोध कर “ऑपरेशन क्रिकेट कैंसिल” सफल बनाया।
अब आयोजक कह रहे हैं: “क्षमा करें, भावना में बह गए”
WCL ने कहा – “हमारा मकसद सिर्फ खुशी बांटना था, लेकिन लगता है हमने मिर्ची बांट दी।” अब उन्होंने सभी से माफी मांगी।
“क्रिकेट एक धर्म है, लेकिन देश एक भावना। जब दोनों टकराते हैं, तो बैट नहीं, विचार भारी पड़ता है।”
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