
1982 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘विधाता’ में बदले की भूख ऐसी थी कि दिलीप कुमार जैसे शांत अभिनेता भी गन उठा बैठे। हाँ, ये कोई माफिया गेम का कैरेक्टर नहीं, बल्कि शुद्ध देसी बुजुर्ग हैं — जो पोते को दूध भी पिलाते हैं और दुश्मनों को मौत भी।
डायरेक्टर: सुभाष घई
कास्ट: दिलीप कुमार, संजय दत्त, अमरीश पुरी, पद्मिनी कोल्हापुरे, संजीव कुमार, शम्मी कपूर
संगीत: कल्याणजी-आनंदजी
‘बाबा’ का बदला और ‘पोते’ की मोहब्बत
शमशेर सिंह (दिलीप कुमार) एक सीधे-सादे किसान हैं। उनके बेटे प्रताप (सुरेश ओबेरॉय) को ईमानदारी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है जब तस्कर जगावर चौधरी (अमरीश पुरी) उसे मौत के घाट उतार देता है।
अब दादा जी का खून खौलता है। वो पोते कुणाल (संजय दत्त) को लेकर शहर भागते हैं और फिर ऐसा ट्विस्ट आता है कि शमशेर सिंह बन जाते हैं Underworld Don – सर शोभराज।
सिनेमा में बदला लेना एक कला है। लेकिन दिलीप साहब ने उसे आर्ट से हार्ट तक पहुँचा दिया।
प्यार में पगला गया पोता, लेकिन दादा को थी क्लास की चिंता
कुणाल को प्यार हो जाता है दुर्गा (पद्मिनी कोल्हापुरे) से, लेकिन दादा जी की शाही डॉन सोच को “गरीब बहू” हज़म नहीं होती। और फिर शुरू होती है इमोशनल वॉर – मोहब्बत बनाम बदला।
दादा ने दुश्मनों को छोड़ा नहीं, लेकिन बहू को घर में आने भी नहीं दिया। यानी पावरफुल भी और प्रॉब्लमैटिक भी!
जब दादा-पोता साथ लड़े, और कांड हो गया
आखिरकार कुणाल को सच्चाई पता चलती है। दादा और पोता मिलकर जगावर की चटनी बना देते हैं। लेकिन जीत की कीमत होती है – शमशेर उर्फ शोभराज की जान।
दिलीप कुमार का दोहरा धमाका
दिलीप कुमार ने गाँव के सीधे बुजुर्ग से लेकर कड़क डॉन तक का ट्रांसफॉर्मेशन ऐसा किया, कि ऑस्कर भी शरमा जाए।
संजय दत्त, अपनी पहली फिल्मों में से एक में, युवा और रेबेल के रूप में जमे।
अमरीश पुरी को देख के तब भी डर लगता था, और आज भी!

जब ‘उड़ी बाबा’ और ‘सात सहेलियाँ’ बन गए Wedding Playlist के स्टार
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“सात सहेलियाँ” – 80s की शादी में DJ यही बजाता था।
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“हाथों की चाँद लकीरों का” – Philosophy + Romance का कॉकटेल।
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“उड़ी बाबा” – अरे बाप रे! Pure मस्त मलंग टाइप का गाना।
संगीत: कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार: आनंद बख्शी
बॉक्स ऑफिस धमाका: Blockbuster बोलते हैं इसे!
1982 में ‘विधाता’ बनी सबसे बड़ी फिल्मों में से एक।
उस साल की 5th highest-grossing फिल्म
टैग मिला: BLOCKBUSTER
तमिल, कन्नड़ और मलयालम में रीमेक भी हुए – इतना माल कमाया!
अगर आपको Revenge + Emotions + Classic Acting का डोज़ चाहिए, तो ये फिल्म आपकी Old Bollywood वॉचलिस्ट में होनी ही चाहिए। सिनेमा जो सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, दिल पर भी छप जाता है।
“स्टार्टअप vs सर्टिफिकेट” का मैच: युवा UPITS‑2025 में जीतने को तैयार!
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