भारत पर ट्रंप सरकार का दोहरा टैरिफ़ वार: रूस से तेल खरीदने पर सजा?

Jyoti Atmaram Ghag
Jyoti Atmaram Ghag

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत पर लगे टैरिफ़ का खुलासा करते हुए कहा कि यह रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की रणनीति का हिस्सा है।

एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में वेंस ने कहा:

“राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर सेकेंडरी टैरिफ़ लगाए ताकि रूस अपने तेल कारोबार से अमीर न बन सके।”

क्या है पूरा मामला?

2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25% और फिर अतिरिक्त 25% यानी कुल 50% टैरिफ़ लगाया।
इस फैसले का सीधा संबंध भारत के रूस से तेल और हथियार खरीदने से जोड़ा गया।

ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि:

भारत का रूस से तेल खरीदना यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करना है। इससे रूस को आर्थिक मजबूती मिलती है। और यही मदद उसे युद्ध जारी रखने में सक्षम बनाती है।

तेल की राजनीति: दबाव किस पर है?

भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ताओं में से एक है। रूस से डिस्काउंट पर कच्चा तेल खरीदकर, भारत ने अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को कम लागत पर पूरा किया। लेकिन अमेरिका के लिए यह बात रणनीतिक समस्या बन गई।
जेडी वेंस ने कहा:

“रूस युद्ध नहीं रोकेगा तो उसे वैश्विक अर्थव्यवस्था से बाहर कर देना चाहिए। ट्रंप ने जो दबाव बनाया है, वैसा बाइडेन कभी नहीं बना सके।”

भारत पर असर: टैरिफ़ से ट्रेड और रणनीतिक संबंधों पर तनाव

टैरिफ़ बढ़ने का मतलब है:

  • भारत के निर्यात पर असर

  • अमेरिकी बाज़ार में भारतीय उत्पाद महंगे होंगे

  • व्यापारिक रिश्तों में खटास आ सकती है

  • रूस से भारत के रिश्ते भी अमेरिकी नजरिए से “गुनाह” माने जा रहे हैं

भारत की स्थिति: “राष्ट्रीय हित पहले”

भारतीय राजदूत विनय कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि:

“भारत वही करेगा जो 140 करोड़ लोगों के राष्ट्रीय हित में हो। तेल वहीं से खरीदा जाएगा, जहां सौदा अच्छा हो।”

भारत ने अमेरिकी आलोचना को अनावश्यक और अव्यावहारिक बताया है।

अमेरिका के भीतर से विरोध

ट्रंप के फैसले पर अमेरिका के अंदर भी आवाजें उठ रही हैं:

  • निक्की हेली: भारत से रिश्ते बिगाड़ना रणनीतिक गलती

  • जॉन केरी: धमकी नहीं, संवाद ज़रूरी

  • जॉन बोल्टन: चीन को छोड़कर सिर्फ भारत को टारगेट करना ट्रंप की भूल

क्या भारत अमेरिकी टैरिफ़ झेल पाएगा?

ट्रंप की टैरिफ़ नीति भारत-अमेरिका संबंधों में नई दरार की शुरुआत हो सकती है।
अब सवाल यह है:

  • क्या भारत रूस से दूरी बनाएगा?

  • क्या अमेरिका भारत को चीन के मुकाबले प्राथमिकता देगा?

  • या फिर व्यापार और रणनीति की लड़ाई में भारत अपनी नीति पर अडिग रहेगा?

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