जानिए Trump के 25% टैरिफ का भारत पर क्या पड़ेगा असर

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन, ट्रेड एनालिस्ट

न डील हुई, न डंडा छूटा — अब टैरिफ का तमाचा खाइए! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। और इसकी पहली मार गिफ्ट निफ्टी पर पड़ी — जो सीधे 174 अंक लुढ़क कर 24,860 पर आ गया।

भारत-अमेरिका ट्रेड रिलेशन में ये नया ट्रंप ट्विस्ट अब कई सेक्टरों में कच्चा तेल छोड़, पक्का नुकसान लेकर आया है।

टॉप सेक्टर जिनकी नींद उड़ गई

टेक्सटाइल एंड गारमेंट्स इंडस्ट्री

अमेरिका भारत से सबसे ज़्यादा जूते-कपड़े खरीदता है। अब 25% टैरिफ ने कॉटन से कॉस्टली बना दिया है।

“इंपोर्ट का फैशन नहीं रहेगा अब पॉपुलर।”

रत्न और आभूषण उद्योग

भारत दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड निर्यातक है, लेकिन अब हर कटिंग-फिनिशिंग पर टैक्स का ‘चटका’।

“हीरा है सदा के लिए… पर अब थोड़ा महंगा पड़ेगा।”

ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स

स्टील-एल्यूमिनियम पहले से टैक्स में दबे थे, अब ऑटो सेक्टर भी ट्रंप की टक्कर में आ गया।

“कार चले न चले, टैक्स का एक्सीलेरेटर फुल ऑन है।”

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स

भारत हर साल अमेरिका को 14 अरब डॉलर का मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचता है। अब Apple से पहले इंडियन फोन होंगे बाइट-से पहले लाइट।

25% टैरिफ = 0.9% GDP तक की संभावित चोट

भारत की GDP पर अनुमानित असर:
0.19% से 0.9% तक की गिरावट
 करीब 30 अरब डॉलर के व्यापार पर सीधा असर
रुपया कमजोर और आयात लागत में उछाल

“जब विदेश में बेचने से पहले 25% टैक्स लगे, तो व्यापार भी कहेगा — रिटर्न टू शिपमेंट।”

भारत सरकार का जवाब — ‘नेशनल इंटरेस्ट पहले’

भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि

“हम आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो सके।”

यानि अभी तो “बातचीत जारी है,” लेकिन उधर ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी —

“न डील, तो डंडा… और वो भी 25% वाला!”

ग्राफिकली देखें नुकसान का हिसाब:

सेक्टर असर
टेक्सटाइल-गारमेंट्स निर्यात महंगा, ऑर्डर में गिरावट
ज्वेलरी-रत्न अमेरिकी मार्केट में कीमतें बढ़ीं
ऑटो पार्ट्स टैक्स के कारण प्रतिस्पर्धा कमजोर
इलेक्ट्रॉनिक्स-मोबाइल निर्यात घटेगा, मुनाफा कम होगा
फार्मा कीमतों में अस्थिरता, कम लाभ

अमेरिकी उपभोक्ताओं की जेब पर भी चोट!

विश्लेषकों का मानना है कि इन टैरिफ का असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिकी मार्केट में भी महंगाई बढ़ेगी, और उपभोक्ताओं को भारत के प्रोडक्ट्स पर 1.5% तक ज़्यादा खर्च करना पड़ सकता है।

“डॉलर तो मजबूत है, पर जेब का दर्द भी अब पक्का होगा।”

ट्रंप की चाल, डील से दूर और डंडे के पास

  • भारत के लिए ये ट्रेड टेंशन का सिग्नल है।

  • टैरिफ वॉर से दोनों देशों की इकॉनमी पर असर होगा।

  • अब भारत को वैकल्पिक बाज़ार और पॉलिसी बैकअप की ज़रूरत है।

  • और हां, डोनाल्ड ट्रंप ने ये साफ कर दिया है — “No Deal, Only Duty.”

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