यूपी RO/ARO: AI, CCTV, और सुपर सिक्योरिटी के साथ परीक्षा का सर्कस

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई 2025 को आयोजित हो रही समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और तकनीकी इंतज़ामों का ऐसा जाल बुना है कि ज़रा सा भी शरारती दिमाग भटकना तो दूर की बात है। 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी एक साथ 75 जिलों के 2,382 केंद्रों पर परीक्षा देंगे, जहां AI, CCTV और सोशल मीडिया के जरिए 24/7 निगरानी सतर्कता की मिसाल कायम कर रहे हैं।

प्रश्नपत्रों की सुरक्षा: फूलप्रूफ या फूल-पकड़?

सवालों का सेट बनाने की प्रक्रिया ऐसी कि कोई भी Cheater इसे हल नहीं कर पाएगा। दो अलग-अलग सेट, अलग-अलग प्रिंटर, कंप्यूटर रैंडमाइजेशन और आठ मल्टीपल जंबल्ड सीरीज के साथ बारकोडिंग, जो एक-एक सवाल को सील कर रखे हैं। इसे रखने के लिए ट्रंक बॉक्स के तीन स्तर के लॉक और पाँच स्तर की टेम्पर्ड प्रूफ पैकिंग लगी है। CCTV से लाइव मॉनिटरिंग भी चल रही है, ताकि कोई छिपा-छिपाया प्रश्नपत्र बाहर न आ सके।

डिजिटल प्रवेश: बायोमेट्रिक और फेस रिकॉग्निशन की दहाड़

अब परीक्षा केंद्रों पर घुसने के लिए आपको सिर्फ आईडी कार्ड नहीं, बल्कि आपके चेहरे और उंगलियों के निशान की भी पड़ताल होगी। ओटीआर आधारित आठ स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया के साथ, जो नाम, पिता का नाम, रोल नंबर और जन्म तिथि तक चेक करती है, हर एक अभ्यर्थी की पहचान डिजिटल तौर पर सुनिश्चित की गई है। डबल लेयर frisking के लिए पुलिस और परीक्षा संस्था की संयुक्त टीम तैनात रहेगी।

परीक्षा केंद्रों पर सख्त पहरा: मजिस्ट्रेट से लेकर प्रशिक्षित अंतरीक्षक

हर परीक्षा केंद्र पर सैक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, दो सह-केंद्र व्यवस्थापक और प्रशिक्षित अंतरीक्षक मौजूद रहेंगे। अंतिम चयन कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से होगा, ताकि सबके लिए निष्पक्षता कायम रहे। ऐसा सिस्टम कि अगर कोई भी शरारती कोशिश करेगा, तो उसके लिए “बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद” वाली स्थिति बन जाएगी।

सोशल मीडिया और AI: परीक्षा का नया प्रहरी

चौबीसों घंटे की निगरानी के लिए AI और सोशल मीडिया टीम तैनात है, जो संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत रिपोर्ट करती है। अब परीक्षा केंद्रों के बाहर और अंदर मोबाइल की कोई गुंजाइश नहीं, वरना AI वाली ‘आंख’ उसे भांप कर तुरंत पकड़ लेगी।

RO/ARO परीक्षा 2023 न केवल संख्या में विशाल है, बल्कि सुरक्षा इंतज़ामों के मामले में भी इतिहास रच रही है। इस बार作弊 के लिए कोई जगह नहीं, क्योंकि AI से लेकर बायोमेट्रिक तक हर कदम पर कड़ा पहरा है। यूपी सरकार और लोक सेवा आयोग की यह तैयारी निश्चित रूप से परीक्षा को शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएगी।

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