यूपी वाले राजभर अब बिहार में भी बजाएंगे चुनावी डमरू!

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

“बिहार के लोग तैयार हो जाएं, अब यूपी की हवा वहां भी बहेगी!”
जी हां, ये एलान है ओम प्रकाश राजभर का, जो उत्तर प्रदेश से निकलकर अब बिहार की 29 सीटों पर लोकतंत्र का लोटा लेकर चुनावी गंगा में डुबकी लगाने जा रहे हैं।

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बस्ती में मीडिया से बात करते हुए राजभर ने बताया कि उन्होंने तो सारा ‘पोलिटिकल पिटारा’ खोल दिया है। बस अब अमित शाह से ‘शुभ मुहूर्त’ निकलवाना बाकी है।

“गठबंधन है तो डर काहे का?”

राजभर बोले, “NDA में हम शामिल हैं, सीटें जितनी भी मिलेंगी, हम तैयार हैं। बाक़ी हम बिना सीटों के भी भाषण दे सकते हैं!”
उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर अमित शाह से बातचीत पूरी हो चुकी है — अब बारी है सीटों की कुर्सी पर किसका नाम छपेगा, बस यही खेल बाकी है।

बिहार की जातीय भूगोल पर राजभर की नज़र

राजभर समाज का असर सिर्फ़ पूर्वांचल में नहीं, बिहार के सीमावर्ती जिलों — जैसे कि सारण, सिवान, गोपालगंज, चंपारण तक फैला है।
तो NDA ने अगर ‘मैथ’ ठीक लगाया, तो ये जातीय समीकरण RJD के ‘MY समीकरण’ में सेंध लगा सकते हैं।

RJD की टेंशन क्यों?

RJD का फॉर्मूला है – “Muslim + Yadav = जीत पक्की”
लेकिन राजभर के आने से “M + Y + R (राजभर)” जैसा नया समीकरण NDA को फायदा पहुंचा सकता है।
राजभर बोले: “हम जहां लड़ते हैं, वहां बहस नहीं, बस असर होता है!”

क्या बिहार भी राजभर को जानता है?

सच्चाई ये है कि राजभर की पार्टी सुभासपा की बिहार में कोई ठोस संगठनात्मक जड़ नहीं है। मतलब, जातीय मुद्दों के अलावा वोटर को कुछ और नहीं दिखेगा, और कुछ को तो वो भी नहीं दिखेगा। फिलहाल NDA का सहारा है, वरना अकेले में तो बात “पारिवारिक मीटिंग” तक ही सीमित रह सकती है।

10 जून को ‘ऐतिहासिक रैली’ का ऐलान! योगी जी को भी बुलाया

राजभर ने 10 जून को बहराइच में एक ‘ऐतिहासिक रैली’ का एलान कर दिया है। बोले: “ऐसी रैली न देखी गई है, न देखी जाएगी। CM योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे।”

अब देखना ये है कि रैली ऐतिहासिक होगी या सिर्फ़ Facebook Live पर ट्रेंडिंग — वक्त बताएगा।

जातीय जनगणना: राजभर का पुराना प्यार

राजभर ने एक बार फिर जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा हथियार बताया।
बोले: “PM मोदी का ये कदम सराहनीय है। अब हकदार को हक मिलेगा, वरना वोटर को सिर्फ़ भाषण!”

राजभर बिहार में उतरने को तैयार हैं, और NDA की नजर जातीय समीकरण में खिचड़ी पकाने पर
RJD के लिए ये अलार्म है और NDA के लिए नया ‘चुनावी स्टार्टअप’।
अब देखना ये है कि 29 सीटों पर राजभर के उम्मीदवार कितनों की ‘गिनती’ में आते हैं — और कितने ‘डिपॉजिट’ भी गंवाते हैं।

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