IAS की तैयारी गांव से! योगी सरकार की Digital Library से बदलेगा Rural UP

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण युवाओं के सपनों को अब शहर का पता नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार ने एक बड़ा और गेम-चेंजिंग फैसला लिया है। पहले चरण में प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में Digital Libraries स्थापित की जा रही हैं, ताकि गांव के छात्र भी Civil Services, SSC, Banking और अन्य Competitive Exams की तैयारी अपने ही इलाके से कर सकें।

जहां पहले गांव से शहर जाना सपना था, अब सपना गांव में ही पढ़ाई कर पूरा होगा।

एक लाइब्रेरी, चार लाख का निवेश

हर डिजिटल लाइब्रेरी पर सरकार करीब 4 लाख रुपये खर्च कर रही है—

  • ₹2 लाख: प्रतियोगी परीक्षाओं की चयनित किताबें
  • ₹1.30 लाख: IT Equipment (Computer, Internet, Digital Access)
  • ₹70 हजार: Modern Furniture
  • इन लाइब्रेरीज़ में छात्रों को 20,000 से ज्यादा डिजिटल educational resources मिलेंगी।

E-Books से Video Lectures तक, सब कुछ एक जगह

डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध होंगी—

  • E-Books
  • Video Lectures
  • Audio Content
  • Online Quiz & Practice Sets

यानि अब पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि smart learning गांव तक पहुंचेगी।

Phase-wise Implementation: हर जिले में पहुंचेगी सुविधा

पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह के अनुसार, सीएम योगी के निर्देश पर सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी।
इनका संचालन ग्राम प्रधान और सचिव करेंगे, जबकि सहायक अधिकारी इसकी नियमित निगरानी करेंगे।

Rural Talent को मिलेगा Digital Boost

इस योजना के तहत अब तक 35 जिलों में पुस्तकों का चयन पूरा हो चुका है। राजधानी लखनऊ समेत इन जिलों की ग्राम पंचायतों में जल्द ही लाइब्रेरी शुरू होंगी।

यह पहल सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ‘Viksit Bharat 2047’ की दिशा में ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल ताकत देने का मजबूत कदम मानी जा रही है।

जिन 35 जिलों में किताबों का चयन पूरा

अमरोहा, आजमगढ़, बांदा, बलिया, बागपत, बदायूं, बरेली, बिजनौर, चित्रकूट, एटा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सम्भल, शामली, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, सीतापुर।

Big Picture: City Dependency खत्म?

Experts मानते हैं कि अगर यह योजना ground पर सही तरीके से implement होती है, तो

  • Coaching migration कम होगा
  • Rural youth का confidence बढ़ेगा
  • Education gap में बड़ी कमी आएगी

अब talent को शहर नहीं, system गांव तक जाएगा।

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