UN बोले – अमेरिका और ईरान, पहले हथियार नीचे रखो, फिर झगड़ा करो

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

ईरान पर अमेरिका के बमबारी के बाद UNSC की बैठक कुछ ऐसी रही जैसे मोहल्ले में रात को लाइट चली जाए और सारे लोग अपनी-अपनी खिड़कियों से चिल्लाएं: “किसने पंखा चालू रखा था?”

संयुक्त राष्ट्र की इस आपातकालीन बैठक में पाकिस्तान, चीन और रूस ने एक सुर में कहा — “संघर्ष विराम करो, पहले बात करो… फिर जो करना हो करो।”

सवाल ये है कि अमेरिका सुनेगा भी या पहले “Freedom Bombing” का एपिसोड-2 रिलीज़ करेगा?

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विराम प्रस्ताव: खून के बदले कागज़ की कलम?

पाकिस्तान, रूस और चीन ने “No Gun, Just Fun(damental Peace)” वाला प्रस्ताव पेश किया है। इसमें ईरान और अमेरिका से हाथ रोकने और जुबान चलाने की अपील की गई है। लेकिन अब यह प्रस्ताव अमेरिकी मूड पर टिका है — जो अगर “ड्रामा किंग” मूड में हैं, तो Veto पक्का है।

वीटो वाली बात: जब अमेरिका बोले – “ना बाबा ना!”

संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य हैं — अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन।
इनमें से कोई भी कह दे “Not Approved”, तो प्रस्ताव की ऐसी की तैसी।
और अमेरिका तो ट्रंप जी के चलते अभी “Attack & React” मोड में है, ना कि “Discuss & Heal” मोड में।

तीन परमाणु ठिकाने: अमेरिका की ‘बॉम्बेडी विथ अ टारगेट’

ईरान के फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान — ये तीन शहर ट्रंप के बम-कला का ताज़ा शिकार बने।
बकौल अमेरिका, “हमने शांति के लिए हमला किया”,
और बकौल बाकी दुनिया — “क्या मतलब? ब्रह्मा अस्त्र से नॉलेज ट्रांसफर?”

सर्कस के बीच फायर ब्रिगेड वाली बैठक

अब सारी नज़रें अमेरिका पर टिकी हैं कि ट्रंप इस प्रस्ताव पर “वीटो-वाला TikTok स्टंट” करते हैं या कभी-कभार शांति की एक्टिंग भी कर लेते हैं।

संयुक्त राष्ट्र की बैठक बता गई है कि ये अमेरिका-ईरान झगड़ा अब मोहल्ले का नहीं रहा, “ग्लोबल हेडलाइन” बन चुका है।

अगर झगड़ा ग्लोबल हो, तो समाधान भी होना चाहिए लोकल प्लस वायरल

UNSC की बैठक से ये तय हो गया है कि संयुक्त राष्ट्र अभी भी WhatsApp ग्रुप जैसा है, जहाँ सब मैसेज करते हैं, लेकिन Admin (अमेरिका) जब चाहे ग्रुप छोड़ सकता है… या सबका माइक म्यूट कर सकता है।

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