कैंपस भी आएंगे अब इंडिया! यूके की 9 यूनिवर्सिटीज़ की एंट्री

शकील सैफी
शकील सैफी

ग्लोबल इकोनॉमी में जब अमेरिका टैरिफ की तलवार चला रहा है, तब भारत और यूके ने कलम से गेम चेंज कर दिया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया:

अब UK की 9 यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोलेंगी!

छात्रों के लिए ये किसी डिग्री दिवाली से कम नहीं — ना पासपोर्ट की चिंता, ना वीज़ा का पंगा और ना ही पाउंड की चपेट।

यूके से सीधा इंडिया — अब डिग्री मिलेगी घर बैठे!

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:

“भारत में 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के कैंपस खुलने से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आएगी।”

अब Oxford से लेकर King’s College तक, Gurgaon या Pune की गलियों में मिल सकते हैं! यह भारत में शिक्षा का ब्रिटिश इम्पोर्ट है — पर बिना कस्टम ड्यूटी के!

Vision 2035: शिक्षा से लेकर टेक्नोलॉजी तक साझेदारी

‘Vision 2035 Roadmap’ सिर्फ पेपरवर्क नहीं, ये भारत-यूके के रिलेशनशिप का एचआर पॉलिसी डॉक्युमेंट है।
इसका फोकस है:

  • शिक्षा और ज्ञान साझेदारी

  • प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान

  • व्यापार, रक्षा और निवेश का विस्तार

पीएम स्टार्मर ने कहा कि “ये कैंपस सिर्फ एजुकेशन नहीं, बल्कि इनोवेशन के सेंटर होंगे।”

व्यापार में भी छूट: टैरिफ हटाओ, ट्रेड बढ़ाओ

CETA (Comprehensive Economic and Trade Agreement) यानी मुक्त व्यापार समझौते के तहत:

  • 90% से अधिक वस्तुओं पर टैरिफ हटाए जाएंगे

  • व्यापार होगा तेज, सस्ता और फास्ट-ट्रैक

स्टार्मर और मोदी दोनों ने मुंबई में Global Fintech Fest 2025 में शिरकत कर एक बात साफ की:

भारत-यूके अब सिर्फ बातें नहीं, बिज़नेस-ऑन-ग्राउंड कर रहे हैं।

TSI और टेक्नोलॉजी: सिर्फ एजुकेशन नहीं, इनोवेशन का मेल

TSI यानी Technology Security Initiative में भी बातचीत हुई — जिससे भारत और ब्रिटेन मिलकर काम करेंगे:

  • एआई (AI)

  • क्वांटम कंप्यूटिंग

  • जैव प्रौद्योगिकी

  • क्रिटिकल मिनरल्स

यानि कैंपस आएंगे, रिसर्च भी उड़ान भरेगा — Cambridge labs now powered by Chai और चाट!

“भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था”: स्टार्मर का बड़ा बयान

यूके पीएम स्टार्मर ने कहा:

“2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, और उसके साथ व्यापार करना दुनिया की सबसे स्मार्ट इन्वेस्टमेंट होगी।”

उन्होंने CETA को सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि विकास का लॉन्चपैड बताया।

वीज़ा पर नो चेंज — कारोबार को YES!

स्टार्मर ने साफ कर दिया कि ब्रिटेन की वीज़ा नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। यह यात्रा केवल व्यापार और सहयोग पर केंद्रित है। यानि जो लोग स्टूडेंट वीज़ा ढूंढ रहे थे, उन्हें अभी होस्टल के कमरे में ही UK मिल जाएगा

शिक्षा, व्यापार और तकनीक में भारत-यूके बंधन हुआ सुपर-सीरियस

भारत और यूके की ये साझेदारी “लंबे रिश्ते के लिए डेटिंग नहीं, डायरेक्ट शादी” जैसी है।

  • शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग

  • व्यापार में टैक्स हटाने की तैयारी

  • तकनीक में रिसर्च का रॉकेट लॉन्च

और सबके बीच में है एक नई सोच:
“ग्लोबल बनने के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”

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