
ग़ज़ा संकट पर एक अहम मोड़ लेते हुए, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने इज़राइली सरकार द्वारा ग़ज़ा पर नियंत्रण की योजना को स्पष्ट रूप से “ग़लत” बताया है। उन्होंने इसराइली कैबिनेट से अपील की है कि वह इस फैसले पर “तत्काल पुनर्विचार” करें।
स्टार्मर ने यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए की, जहां उन्होंने कहा:
“ग़ज़ा में अपने हमले को और बढ़ाने का इसराइली सरकार का फ़ैसला ग़लत है। हम उनसे तुरंत इस पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं।”
“ग़ज़ा में हर दिन बिगड़ती जा रही है स्थिति”
स्टार्मर ने ग़ज़ा में बढ़ते मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा:
“ग़ज़ा में युद्धविराम की तात्कालिक ज़रूरत है। मानवीय हालात हर दिन बदतर होते जा रहे हैं।”
उन्होंने साथ ही यह भी स्वीकार किया कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की स्थिति भी “भयावह और अमानवीय” है, पर इससे सामूहिक सज़ा उचित नहीं ठहराई जा सकती।
नेतन्याहू बोले – “हम ग़ज़ा पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं”
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को Fox News को दिए एक इंटरव्यू में कहा था:
“हम पूरे ग़ज़ा पर नियंत्रण चाहते हैं। हम वहां से हमास को हटाना चाहते हैं और ग़ज़ा को हमास के आतंक से मुक्त करना चाहते हैं।”
इसके बाद शुक्रवार सुबह इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गंभीर प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा, लेकिन इसराइल अडिग?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री का बयान इस संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि यूरोप की बड़ी ताकतें अब इज़राइल की सैन्य रणनीति पर खुलकर सवाल उठा रही हैं।
जहां अमेरिका अब तक इसराइल का समर्थन करता रहा है, वहीं ब्रिटेन का यह तीखा बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलती राजनीतिक धाराओं का संकेत हो सकता है।
क्या बढ़ेगा दबाव?
किएर स्टार्मर का यह बयान सिर्फ कूटनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि इज़राइल पर दबाव बनाने की रणनीतिक पहल माना जा सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं भी इज़राइली ग़ज़ा नियंत्रण योजना को चुनौती देंगी या नहीं।
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