दोनों दोस्त फिर से मिलते हैं, तो “हाउडी मोदी 2.0” की स्क्रिप्ट भी तैयार

Jyoti Atmaram Ghag
Jyoti Atmaram Ghag

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से अपनी “अच्छी दोस्ती” का कार्ड खेलते हुए कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रुकावटें जल्द दूर होंगी।

“मैं अपने बहुत अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के लिए उत्सुक हूं,” – ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया।

उन्होंने आगे कहा कि व्यापार समझौते पर चर्चाएं जारी हैं और एक सफल नतीजा जल्द सामने आ सकता है।

यानि डील हो या ना हो, “डियर मोदी” तो हमेशा लिस्ट में हैं।

मोदी का जवाब भी फुल कूटनीतिक मोड में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी — जिसमें ट्रंप की दोस्ती स्वीकार की, भविष्य को उज्ज्वल बताया, और वार्ता की रफ्तार तेज करने का भरोसा भी दिलाया।

“हमारी टीमें काम कर रही हैं, और मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत को लेकर उत्सुक हूं।”

यह सब कुछ ऐसे बोला गया जैसे कि Zoom कॉल का लिंक भी भेजा जा चुका हो और कैलेंडर इन्वाइट pending हो।

क्या है इस ‘Trade Talk’ का इतिहास?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर कई सालों से बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक फाइनल डील नहीं हो पाई।
2020 के बाद ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कुछ टैरिफ लगाए थे — जैसे 50% टैक्स वाला “प्रेमपत्र”

अब जब ट्रंप 2024 में फिर से चुनाव लड़ चुके हैं और 2025 में राजनीतिक सक्रियता में वापसी की चर्चा है, तो ट्रेड टॉक्स का “सीक्वल” भी शुरू होता दिख रहा है।

अब तक का Scorecard:

मुद्दा स्थिति
टैरिफ विवाद जारी (50% ड्यूटी अभी भी लागू)
ट्रंप-मोदी व्यक्तिगत रिश्ता मजबूत (कम से कम सोशल मीडिया पर)
व्यापार समझौता Under Process (जैसे आधार कार्ड का OTP)

दोस्ती में ‘टैरिफ़’ की गुंजाइश होती है?

जब कोई कहे, “मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं…” और फिर उसी देश पर 50% टैक्स लगा दे, तो या तो दोस्ती बहुत गहरी है… या व्यापार मंत्रालय बहुत हल्का!

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भले ही यह बातचीत अभी केवल “घोषणाओं” के स्तर पर हो, लेकिन यह साफ है कि दोनों देशों की सरकारें इस साझेदारी को लेकर गंभीर हैं।

भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से है। और अमेरिका के लिए भारत एक “डेमोक्रेटिक सुपरमार्केट” — जहाँ चुनाव भी होते हैं और बाजार भी चलता है।

क्या हो सकता है आगे?

आने वाले हफ्तों में मोदी-ट्रंप के बीच फोन या वर्चुअल बातचीत संभव।

ट्रेड डील का फ्रेश ड्राफ्ट पेश किया जा सकता है।

और अगर दोनों दोस्त फिर से मिलते हैं, तो शायद “हाउडी मोदी 2.0” की स्क्रिप्ट भी तैयार हो।

‘टैरिफ़ के उस पार भी एक दोस्त होता है!’

डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति आकर्षण कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार देखना दिलचस्प होगा कि ये सिर्फ “फ्रेंडशिप डायलॉग” है या वाकई कोई बड़ा व्यापारिक समझौता पक्की होने वाला है।

क्योंकि जहां अमेरिका “डील” सोचता है, वहां भारत “सहयोग” कहता है।

और इन दोनों के बीच, सबसे पहले सोशल मीडिया पोस्ट आता है।

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