
क्या भारत-पाकिस्तान की शांति का क्रेडिट ट्रंप को देना चाहिए? शायद नहीं! लेकिन ट्रंप जी का मानना कुछ और ही है। एक हालिया कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने सिर्फ भारत-पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि सात देशों के बीच युद्ध “ट्रेड के जादू” से रोक दिए।
उन्होंने कहा, “जैसे ही हमने भारत से कहा कि अगर तुम युद्ध करोगे तो व्यापार नहीं होगा, तुरंत शांति हो गई!”
बस फिर क्या था, दुनिया के शांति-दूत का अवतार ले चुके ट्रंप बोले — अब तो हर एक युद्ध के लिए एक-एक नोबेल चाहिए! नोबेल संस्था से ट्रंप बाबा का ये प्यार अब गहरा होता जा रहा है।
कौन-कौन से युद्ध रोके ट्रंप बाबा ने?
ट्रंप के अनुसार, उन्होंने इन देशों के बीच युद्ध रोका:
भारत-पाकिस्तान
थाईलैंड-कंबोडिया
अर्मीनिया-अज़रबैजान
कोसोवो-सर्बिया
इसराइल-ईरान
मिस्र-इथियोपिया

रवांडा-कांगो
सवाल ये है कि UN और इंटरनेशनल डिप्लोमैसी कर क्या रही थी इतने सालों से? जब ट्रंप अकेले ही सब कंट्रोल में रख सकते हैं!
ट्रंप का नोबेल लॉजिक: “जितना ज़्यादा शांति, उतने ज़्यादा नोबेल”
ट्रंप ने कहा कि जब उनसे कहा गया कि अगर वह रूस-यूक्रेन युद्ध रोक दें तो नोबेल मिल सकता है, तो उन्होंने तुरंत पलटकर कहा- “बाकी 7 युद्धों का क्या? सबके लिए एक-एक नोबेल मिलना चाहिए!”
ऐसा लग रहा है जैसे नोबेल अब Buy One Get Six Free स्कीम में मिलते हैं।
भारत का जवाब: “Nice Try, But No Thanks”
भारत ने ट्रंप के इस दावे को पहले भी खारिज किया था। विदेश मंत्रालय ने बार-बार साफ किया कि भारत-पाक मुद्दा द्विपक्षीय है और कोई बाहरी पार्टी नहीं जुड़ी। मतलब साफ है, “हमारे झगड़े हम खुद निपटाते हैं, ट्रंप साहब!”
ट्रंप बाबा का अगला टारगेट – “मून पर शांति स्थापना और नोबेल ऑन द मून?”
अब देखना ये है कि ट्रंप अगला नोबेल किस गैलेक्सी के लिए मांगते हैं। फिलहाल, तो उनका हर भाषण एक पॉलिटिकल स्टैंड-अप कॉमेडी शो से कम नहीं लगता।