ग़ज़ा में शांति, पाकिस्तान में जलते टायर: TLP को शांति से एलर्जी?

अजमल शाह
अजमल शाह

जब ग़ज़ा में आखिरकार बमबारी थमी और लोग राहत की सांस ले रहे थे, उस वक्त पाकिस्तान में किसी और ही ग्रह का सीन चल रहा था
क्योंकि वहां TLP (तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान) वालों ने शांति को “खतरा” मान लिया और सड़कों पर जमकर “दंगे उत्सव 2025” मना डाला।

“फिलिस्तीन को बचाओ, पाकिस्तान को जलाओ” मूवमेंट

जी हां, ग़ज़ा के लोगों को 2 साल बाद बमों से राहत मिली तो उन्होंने मिठाइयाँ बांटी, लेकिन पाकिस्तान में TLP ने टायर जलाए, गाड़ियाँ फूंकीं और पुलिस को दौड़ाया

लाहौर की सड़कों पर इतना धुंआ फैला कि गूगल मैप ने रास्ते की जगह ‘आग के इमोजी’ दिखाना शुरू कर दिया।

पुलिस बनी Punching Bag, एक की हत्या भी

इजरायल-हमास युद्धविराम का विरोध करते हुए TLP समर्थकों ने लाहौर में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी। कई जगहों पर कंटेनर तोड़े, बैरिकेड्स हटाए, और पुलिस से हिंसक भिड़ंत की। लगता है TLP वालों ने ग़ज़ा के हालात से इतना कनेक्शन बना लिया कि बोले –
“हम भी कुछ तबाही करके दिखाएँगे!”

TLP चीफ साद रिज़वी – गोलीबारी में घायल?

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, TLP प्रमुख साद रिज़वी पुलिस फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हो गए। विडंबना देखिए – जो व्यक्ति ‘सर तन से जुदा’ के नारे देकर दुनिया को डराता था, अब खुद विडियो में शांति से बात करने की अपील कर रहा है।

शायद अगली बार वो ‘सर तन से जुदा’ की जगह ‘चलो बैठ के बात करते हैं’ जैसा नया नारा देंगे।

इस्लामाबाद की तरफ़ कूच और अमेरिकी दूतावास पर मोर्चा

प्रदर्शनकारियों की योजना थी कि इस्लामाबाद के अमेरिकी दूतावास के बाहर फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली जाए। पुलिस ने जब रास्ता रोका, तो “रास्ता नहीं तो आग सही” वाला फॉर्मूला लगाकर हर तरफ तबाही मचा दी गई। 

पाकिस्तानी सरकार का रिएक्शन: “वी लव कंट्रोल… जस्ट किडिंग!”

सरकार पहले तो सोती रही, फिर बोली, “हमें सख्त कदम उठाने होंगे”, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखकर ही हालत पतली हो गई।

एक यूज़र ने लिखा:

“TLP अब आतंकवादी संगठन नहीं, ये तो पुरानी पाकिस्तान रेलवे की तरह है — अचानक आएगा, सब बिगाड़ देगा, और फिर गायब।”

पाकिस्तान में तर्क की नहीं, ट्रिगर की सरकार चलती है

जब दुनिया शांति की तरफ कदम बढ़ा रही है, पाकिस्तान में कट्टरपंथी सोच अब भी “विनाश ही विकास है” के सिद्धांत पर चल रही है।

ग़ज़ा में जश्न, पाकिस्तान में जलन।
TLP का संदेश साफ है — “अगर हमें तकलीफ नहीं हो रही, तो हम खुद बना लेंगे!”

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