तीन युद्ध, हजारों हमले – सिंधु जल समझौते की भावना पहले ही रौंद चुका है पड़ोसी

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

संयुक्त राष्ट्र में हुई एक अहम बैठक में भारत ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान तीन युद्ध और 20,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है – ऐसे में वह सिंधु जल समझौते के पालन की बात करने लायक नहीं बचा।

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बैठक का आयोजन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एरिया फॉर्मूला फॉर्मेट में किया गया था, जिसका विषय था – “संघर्ष में जल सुरक्षा”। इस दौरान पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया, जिसका भारत ने तथ्यों और तीखे तर्कों के साथ जवाब दिया

“समझौते की भावना का पाकिस्तान ने खुद किया है उल्लंघन” – पी. हरीश

पी. हरीश ने पाकिस्तान के आरोपों को ‘बेबुनियाद और भ्रामक’ बताते हुए कहा:

“सिंधु जल समझौते की प्रस्तावना में लिखा है कि यह समझौता ‘दोस्ती और अच्छी भावना’ के तहत किया गया है। लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध लड़े, हजारों आतंकी हमले कराए और अब समझौते के पालन का ढोंग कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा संयम बरता, यहां तक कि पहलगाम जैसे ताजा आतंकी हमले, जिसमें निर्दोष पर्यटकों की जान गई, उसके बाद भी भारत ने संयम दिखाया।

“बांधों में सुधार का भी कर रहा विरोध” – तकनीकी विकास से भाग रहा पाकिस्तान

भारत के राजनयिक ने बताया कि जलस्रोत प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों की जरूरत होती है, लेकिन पाकिस्तान हर नए तकनीकी बदलाव का विरोध करता है, जिससे पुराने बांधों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

“संधि के अनुसार तकनीकी बदलावों की अनुमति है, लेकिन पाकिस्तान जानबूझकर भारत के प्रयासों को रोकने की कोशिश करता रहा है,” उन्होंने स्पष्ट किया।

भारत ने क्यों स्थगित किया सिंधु जल समझौता?

भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए सिंधु जल समझौते को ‘स्थगित’ कर दिया है।

“जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, भारत अपनी नीतियों को पुनः देखेगा,” — यह संदेश संयुक्त राष्ट्र में जोर-शोर से गूंजा।

आतंकवाद की कीमत

  • भारत में 4 दशकों में 20,000+ लोगों की जान गई आतंकवाद में

  • पाकिस्तान की भूमिका को दुनिया ने बार-बार अनदेखा किया

  • अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुलकर अपनी बात रख रहा है

सिंधु जल समझौते को लेकर अब भारत का रुख बदलता दिख रहा है। संयम का रास्ता अपनाते हुए भी भारत अब अपनी सीमाएं तय कर रहा है। UN जैसे मंच पर पाकिस्तान को खुली चुनौती देना दर्शाता है कि भारत अब कूटनीतिक भाषा में नहीं, बल्कि तथ्य और आत्मसम्मान की भाषा में संवाद कर रहा है

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