दुनिया को सुनना चाहिए: ट्रंप की कार्रवाई पर बोली पेंटागन

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

रविवार को वॉशिंगटन डीसी में पेंटागन से अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईरान पर हुए अमेरिकी हमले की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ये हमले ईरान की परमाणु क्षमताओं को ‘कमज़ोर’ और ‘तबाह’ करने के उद्देश्य से किए गए।

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न सैनिकों पर हमला, न नागरिकों को नुकसान

रक्षा मंत्री ने इस बात पर खास ज़ोर दिया कि अमेरिकी हमले पूरी तरह से लक्षित और सटीक थे। उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई में ईरानी सैनिकों या आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य केवल ईरान के परमाणु ढांचे को निष्क्रिय करना था।

जो काम बाकी राष्ट्रपतियों ने नहीं किया, वो ट्रंप ने किया

हेगसेथ ने कहा, “कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन केवल राष्ट्रपति ट्रंप ही इसे क्रियान्वित कर सके।” उन्होंने ट्रंप की इस कार्रवाई को “साहसी और ब्रिलिएंट” बताते हुए कहा कि दुनिया में सिर्फ अमेरिका ही ऐसा कर सकता था

हम शांति चाहते हैं, परमाणु हथियार नहीं

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार यह बात दोहराई गई कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीयत जंग नहीं, शांति स्थापित करना है। पीट हेगसेथ ने कहा, “ट्रंप शांति चाहते हैं, परमाणु हथियार नहीं। और ईरान को भी यही रास्ता अपनाना चाहिए।”

जब ट्रंप बोलते हैं, दुनिया को सुनना चाहिए

हेगसेथ के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक साफ संदेश है। उन्होंने कहा, “जब राष्ट्रपति ट्रंप बोलते हैं, तो दुनिया को सुनना चाहिए।” ये शब्द अमेरिका की रणनीतिक दृढ़ता और नेतृत्व की सोच को दर्शाते हैं।

क्या यह नया भू-राजनीतिक मोड़ है?

ईरान पर अमेरिकी हमले और रक्षा मंत्री की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मध्य पूर्व में तनाव और कूटनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। हालांकि अमेरिका ने ‘शांति’ का संदेश दिया है, लेकिन ईरान की प्रतिक्रिया अब पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

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