
गुरुवार, 12 जून 2025 की दोपहर अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा तब और भी गंभीर हो गया जब यह रिपोर्ट सामने आई कि इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। विमान में कुल 242 लोग, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे, सवार थे।
एक क्रैश, दो बाजार ढहे: बोइंग से सेंसेक्स तक हिली अर्थव्यवस्था
सोशल मीडिया पर वायरल: आग और चीखों का मंज़र
वायरल वीडियो में दिखता है कि कैसे ड्रीमलाइनर जैसे आधुनिक विमान की उड़ान छतों से टकराकर भयंकर आग के गोले में बदल गई। चारों तरफ धुआं, चीख-पुकार और भगदड़ — यह दृश्य किसी युद्ध क्षेत्र से कम नहीं लगा।
यह पहली बार नहीं: भारत के नेताओं की ‘हवाई’ किस्मत
AI171 हादसा भारत की उन पुरानी स्मृतियों को ताज़ा कर गया जब राजनीति, नेतृत्व और भविष्य, एक विमान हादसे में मिट्टी में मिल गए थे। देश के कई बड़े नेता आसमान से लौटकर कभी नहीं आए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (1945): एक रहस्य जो अब भी जिन्दा है
भारत के सबसे बड़े क्रांतिकारी नेता नेताजी का ताइवान विमान हादसा आज भी रहस्य है। न उनका शव मिला, न कोई अंतिम पुष्टि। एक पूरी पीढ़ी को आज भी जवाब चाहिए।
संजय गांधी (1980): युवा शक्ति की दुखद उड़ान
इंदिरा गांधी के उत्तराधिकारी कहे जाने वाले संजय गांधी खुद प्लेन उड़ा रहे थे जब टेस्ट फ्लाइट के दौरान दिल्ली में उनका विमान क्रैश हो गया। देश को लगा था युवा नेतृत्व तैयार है — लेकिन किस्मत ने कुछ और लिखा था।
माधवराव सिंधिया (2001): कांग्रेस का भविष्य, अचानक खामोश
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता माधवराव सिंधिया की प्लेन क्रैश में मौत ने कांग्रेस के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए थे। मैनपुरी की धरती उनके आखिरी सफर की गवाह बनी।
जीएमसी बालयोगी (2002): संसद का स्पीकर, आसमान का शिकार
लोकसभा अध्यक्ष और TDP के वरिष्ठ नेता, बालयोगी का हेलिकॉप्टर काकीनाडा के पास क्रैश हुआ। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का मज़बूत स्तंभ अचानक ढह गया।
वायएस राजशेखर रेड्डी (2009): रुद्राकोंडा की पहाड़ियों में छिपा दुख
आंध्र प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री वायएसआर रेड्डी का हेलिकॉप्टर 2 सितंबर 2009 को रुद्राकोंडा की पहाड़ियों से टकराकर क्रैश हो गया। इस हादसे ने राज्य की राजनीति ही नहीं, जनता की उम्मीदें भी तोड़ दीं।
मधु मुद्गल (2013): जो कभी सीएम बन सकती थीं
उत्तराखंड की संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार, कांग्रेस नेता मधु मुद्गल का हेलिकॉप्टर देहरादून के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में 5 लोगों की जान गई, जिनमें एक भविष्य की नेता भी शामिल थीं।
जब VIP भी नहीं बचे, तो आम जनता क्या करे?
अगर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी विमान में सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों का क्या भरोसा? यह हादसा एक सिस्टम की विफलता है, जिसमें नेता और जनता दोनों समान रूप से असहाय दिखाई देते हैं।
आसमान में सिर्फ विमान नहीं, सपने और नेतृत्व भी गिरते हैं
AI171 की दुर्घटना केवल एक विमान हादसा नहीं, बल्कि भारत के राजनीतिक नेतृत्व और सार्वजनिक सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। यह कहानी बताती है कि आसमान में उड़ान का सपना अब भी एक जोखिम भरी दौड़ है — चाहे वो आम नागरिक का हो या एक पूर्व मुख्यमंत्री का।