बहराइच दरगाह जेठ मेला: हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जायरीनों को मिली राहत

अजमल शाह
अजमल शाह

उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच स्थित प्रसिद्ध दरगाह हज़रत सैय्यद सालार मसऊद ग़ाज़ी पर लगने वाले जेठ मेले को लेकर एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। लखनऊ हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से जायरीनों के प्रवेश और धार्मिक आयोजनों की अनुमति दे दी है।

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कोर्ट का निर्देश: कोई रोक-टोक नहीं होगी

हाईकोर्ट ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि—

  • किसी भी जायरीन को रास्ते में न रोका जाए

  • दरगाह परिसर में परंपरागत धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाए।

  • श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

श्रद्धालुओं की निगाहें थीं कोर्ट पर

सुबह से ही लाखों श्रद्धालु और दरगाह से जुड़े लोग कोर्ट के फैसले का इंतज़ार कर रहे थे। सभी को उम्मीद थी कि परंपरा और आस्था की जीत होगी — और आखिरकार वही हुआ। हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक जेठ मेले की धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण देते हुए ये निर्णय सुनाया।

क्या है जेठ मेला?

  • जेठ मेला हर वर्ष दरगाह शरीफ़ पर लगने वाला एक धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव है।

  • इसमें देशभर से लाखों की संख्या में जायरीन शामिल होते हैं।

  • मेले में अकीदत, कव्वालियों, चादरपोशी और पारंपरिक मान्यताओं का संगम देखने को मिलता है।

जनमानस में खुशी की लहर

हाईकोर्ट के फैसले के बाद से ही बहराइच व आसपास के क्षेत्र में खुशी और संतोष का माहौल है। स्थानीय लोगों और दरगाह से जुड़े संगठनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और इसे धार्मिक अधिकारों की जीत बताया है।

बहराइच दरगाह पर लगने वाला जेठ मेला न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक भी है। हाईकोर्ट का फैसला इस ऐतिहासिक परंपरा को संरक्षित करता है और भारत की धर्मनिरपेक्ष आत्मा को मजबूती देता है।

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